योगी सरकार के बनाए अपराध मुक्त माहौल और इन्वेस्टर्स फ्रेंडली नीतियों का माहौल मिला तो गीडा (गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण) क्षेत्र में नए निवेश की होड़ तो मची ही है, पुराने उद्यमियों ने यूनिट्स विस्तार के लिए निवेश का दायरा विस्तारित करना शुरू कर दिया है. सरकार की नीतियों और भयमुक्त वातावरण की मुक्तकंठ से सराहना करते हुए गोरखपुर बेस्ड प्रमुख औद्योगिक घराने गैलेंट ग्रुप ने गीडा की अपनी सभी यूनिट्स के दोबारा विस्तार के लिए 1015 करोड़ रुपये के निवेश का फैसला लिया है.

इस फैसले के अमल में आने पर गोरखपुर में गैलेंट ग्रुप का निवेश 2500 करोड़ रुपये का हो जाएगा. गैलेंट ग्रुप के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक (सीएमडी) चंद्र प्रकाश अग्रवाल का कहना है कि योगी सरकार की नीतियों और भयमुक्त प्रदेश की अवधारणा से ही निवेश करना या बढ़ाना संभव हो पा रहा है. गैलेंट ग्रुप के सीएमडी अग्रवाल ने बताया कि साल 2009 में 350 करोड़ रुपये के निवेश से गीडा गोरखपुर में आरम्भ हुआ.

गैलेंट करेगा यूनिट्स विस्तार
गैलेंट का यह सफर वर्तमान में 1500 करोड़ रुपये तक पहुंचा है और यूनिट्स विस्तार के बाद 2500 करोड़ रुपये हो जाएगा. विस्तारीकरण के बाद लगभग 1000 लोगों के लिए प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे. इसके साथ-साथ कंपनी के बीएसई-एनएसई में सूचीबद्ध होने के कारण इस विस्तार से होने वाली आर्थिक उन्नति का पूरा लाभ कंपनी के शेयर होल्डर्स को मिलेगा. अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की औद्योगिक नीतियों और अपराध मुक्त प्रदेश की अवधारणा से ही यह संभव हो पा रहा है.

व्यापार करने की बढ़ रही रूचि
उद्योगपतियों और व्यापारियों में प्रदेश के अंदर व्यापार करने लगातार रुचि बढ़ी है. तथा उनकी निवेश करने की क्षमता में भी विस्तार हो रहा है. सीएमडी ने बताया कि गैलेंट ग्रुप की गोरखपुर के गीडा में स्थित गैलेंट इस्पात लिमिटेड के सभी उत्पादन इकाइयों के विस्तार का कार्य 1015 करोड़ के निवेश से प्रारम्भ हो चुका है. इसके तहत 715 करोड़ रुपये के निवेश से सभी इकाइयों के विस्तार का कार्य तथा 300 करोड़ रुपये के निवेश से नए सोलर पावर प्लांट की स्थापना होगी.

नए सोलर पावर प्लांट की होगी स्थापना
इस विस्तार से गैलेंट के पिलेट प्लांट की वार्षिक क्षमता 8 लाख टन से 10 लाख टन, स्पंज आयरन प्लांट की क्षमता 5.50 लाख टन से 6.50 लाख टन, स्टील मेल्ट शॉप एवं रोलिंग मिल की क्षमता 5 लाख टन से 8 लाख टन वार्षिक हो जाएगी. यूनिट के पास अपना पावर प्लांट भी है, जिसमें 78 मेगावाट प्रतिमाह विद्युत उत्पादन होता था, जो कि विस्तारित होकर 100 मेगावाट हो जाएगा. साथ ही 300 करोड़ रुपये के निवेश से एक नए 100 मेगावाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट स्थापित किया जा रहा है. जिससे उत्पादित बिजली का भी प्रयोग उत्पादन इकाइयों में किया जाएगा.