भोपाल, सबकी खबर। 
मध्य प्रदेश का विधानसभा सत्र चल रहा है। सोमवार को पहला दिन था और पहले दिन ही एक ऐसे सवाल  का जवाब आया है जिसने मध्य प्रदेश की  अफसरशाही में हंगामा मचा दिया। दरअसल मध्य  प्रदेश में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के सीईओ के पद पर जो नियुक्ति हुई है, उस नियुक्ति  को लेकर सरकार ने जो विपक्ष के विधायक हैं  प्रताप ग्रेवाल उनके सवाल के जवाब में  तमाम सारे दस्तावेज सामने रख दिए हैं।  पहली बार वह नोट शीटें निकल कर सामने आ गई  हैं। जिस पर तमाम काला पीला किया गया है।  ललित मोहन बेलवाल  रिटायर आईएफएस अधिकारी थे। 2020 में उन्होंने कोशिश की कि वे जो आजीविका मिशन  है उसके सीईओ बना दिए जाए। लेकिन उस समय  पंचायत विभाग के जो एसीएस थे मनोज  श्रीवास्तव उन्होंने साफ-साफ लिखा था कि  यह कैडर पोस्ट है यहां केवल आईएएस अधिकारी  पोस्ट हो सकता है। उन्होंने आपत्ति की।  मजेदार बात यह है कि जो एसीएस ने लिखा था  अमन श्रीवास्तव में उसी को तत्कालीन जो  पंचायत मंत्री हैं महेंद्र सिसोदिया  उन्होंने सहमति व्यक्त की और उन्होंने भी  कहा कि जो एसीएस कह रहे हैं वह सही है।  लेकिन उस समय के जो मुख्य सचिव थे इकबाल  सिंह बैस वे किसी भी कीमत पे ललित मोहन  बेलवाल को इस पद पे लाना चाहते थे। उन्होंने जो किया वह पूरी तरह से आपराधिक  कृत है। उन्होंने यह किया कि उन्होंने कहा कि कि पहले भी कई नियुक्तियां हुई है। तमाम मंत्री के अधिकारियों के विरोध के बाद भी मुख्य सचिव  ने कहा कि मेरी मुख्यमंत्री से बात हो गई  है। आप आदेश जारी करें। यह तमाम सारी नोट शीटें आई हैं। इस विषय पर सबकी खबर ने प्रताप ग्रेवाल से बात की उनका कहना था कि  इसके अंदर आश्चर्य की बात है कि पूर्व मुख्यमंत्री की सहमति और पूर्व मुख्य सचिव 
जो इकबाल सिंह बेस है वो अपने प्रिय बेलवाल की नियुक्ति इस पर कर देते हैं। तो  आज आप देखिए इस नियुक्ति के कारण बेलवाल जब से प्रभारी सीईओ बने तो करीब 3000 करोड़ से लगभग व्यय करते रहे। इसके अंदर पोषण आहार का घोटाला हुआ घोटाले के कारण आज हमारा मध्य प्रदेश अह शिशु मृत्यु दर में अव्वल रहा। गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर में अव्वल रहा जो हमारे मध्य प्रदेश के लिए एक शर्मनाक स्थिति निर्मित हुई है। जिस अधिकारी ने यह सारा काला पीला किया है, उसकी नियुक्ति ही गलत है। तो एक तरह से कटघरे में तो इकबाल सिंह बैस भी खड़े हो गए मैं हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से भी इस बात को लेकर के मिलूंगा और मेरा देश के प्रधानमंत्री से जो हमेशा जीरो टॉयलेंस की बात करते हैं वैसे तो उनको स्वयं ही संज्ञान लेकर के जो राष्ट्रीय आजीविका मिशन का जिस मिशन जिस उद्देश्य से जो पैसा मध्य प्रदेश में दिया जाता था उसकी जो बंदर बांट हुई है स्वत ही संज्ञान लेकर के इन लोगों के ऊपर कारवाई जिम्मेदार लोगों के ऊपर कारवाई होना चाहिए। भ्रष्टाचार जब नियुक्ति को नियुक्ति ही एक फर्जी नियुक्ति हुई है और एक संगठित इस आजीविका मिशन के पैसे की लूट को लेकर के हुई है तो निश्चित तौर पर इसमें काफी बड़ा एक घोटाला मध्य प्रदेश की जनता के सामने आएगा जो जांच का विषय है जो शीघ्रता से शीघ्र आएगा। हम न्यायालय का भी दरवाजा खटाएंगे। हमारे पार्टी स्तर पर वरिष्ठ प्रदेश के नेताओं से भी बातचीत करेंगे और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं से भी इस घोटाले को लेकर के चर्चा करेंगे।  आज पूरे मध्य प्रदेश की 9 करोड़ जनता के सामने इकबाल सिंह बहस का सही चेहरा सामने आया है।