17वीं विज्ञान मंथन यात्रा 27 अप्रैल तक

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (मैपकॉस्ट) की 17वीं "विज्ञान मंथन यात्रा" का मुख्यमंत्री निवास परिसर से शुभारंभ किया। उन्होंने  इस यात्रा के लिए चयनित प्रतिभाशाली भावी वैज्ञानिक बच्चों को बधाई देते हुए उनके साथ संवाद भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (मैपकॉस्ट) की 17वीं "विज्ञान मंथन यात्रा" का मुख्यमंत्री निवास परिसर से शुभारंभ किया। उन्होंने  इस यात्रा के लिए चयनित प्रतिभाशाली भावी वैज्ञानिक बच्चों को बधाई देते हुए उनके साथ संवाद भी किया। उन्होंने एक शिक्षक के रूप में बच्चों से सवाल-जवाब भी किए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर विद्यार्थियों के साथ मुख्यमंत्री निवास परिसर से टेलीस्कोप द्वारा विभिन्न ग्रहों को देखा। उन्होंने विद्यार्थियों से अंतरिक्ष विज्ञान पर विस्तार पूर्वक संवाद किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मैं आप सभी के बीच मुख्यमंत्री या किसी शिक्षक नहीं मित्र के रूप में उपस्थित हूं। आपके जीवन के लिए यह विज्ञान मंथन यात्रा उपयोगी सिद्ध होगी। पाठ्य पुस्तकों के अध्ययन के साथ विद्यार्थी जब विज्ञान से जुड़े नामी-गिरामी संस्थानों का प्रत्यक्ष अवलोकन कर वहां की कार्य पद्धति की जानकारी प्राप्त करते हैं तो यह ज्ञान सिर्फ नौकरी के लिए नहीं बल्कि जीवन के लिए उपयोगी सिद्ध होता है। 
मानव शरीर और प्रकृति का समन्वय
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मानव शरीर और प्रकृति का भी समन्वय है। मनुष्य के जन्म से लेकर मृत्यु तक सभी प्रक्रियाएं जानने और समझने का विषय है। प्राण भी 5 प्रकार के हैं, जो श्वसन प्रणाली, हृदय, वाणी, पाचन प्रणाली, उत्सर्जन और प्रजनन प्रणाली और मांसपेशी के साथ परिसंचरण प्रणाली के रूप में जाने जाते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मैपकॉस्ट जैसी संस्थाएं विद्यार्थियों को सैद्धांतिक ज्ञान के साथ व्यावहारिक ज्ञान उपलब्ध करवाने की दिशा में सार्थक भूमिका निभा रही हैं। विज्ञापन
अंतरिक्ष विज्ञान पर बच्चों से बातचीत
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने बच्चों से प्रश्न किए कि पृथ्वी और चंद्रमा में से परिक्रमा कौन करता है? ग्रह और उपग्रह में क्या अंतर है? गुरुत्वाकर्षण शक्ति क्या है? ग्रहों की परस्पर दूरी का आकलन किस तरह होता है? विद्यार्थियों के सारगर्भित उत्तर से मुख्यमंत्री डॉ. यादव बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने यात्रा के लिए चयनित विद्यार्थियों के ज्ञान स्तर की प्रशंसा की। 
प्रदेश के कुल 375 विद्यार्थियों का चयन
विज्ञान मंथन यात्रा पर जाने वाले विद्यार्थियों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद् द्वारा आयोजित स्कॉलरशिप परीक्षा में भाग लेने का अवसर भी मिलेगा। परीक्षा में सफल होने वाले प्रत्येक कक्षा के 20 चयनित विद्यार्थियों को 5 वर्ष तक 12 हजार रुपए प्रति वर्ष की स्कॉलरशिप प्रदान की जाएगी। यात्रा के लिए इस वर्ष कक्षा 10वीं से 12वीं विज्ञान विषय में अध्यनरत पूरे प्रदेश के कुल 375 विद्यार्थियों का चयन किया गया है। इन चयनित विद्यार्थी में से दिल्ली जाने वाले समूह में प्रौद्योगिकी परिषद के आमंत्रण पर  नेशनल साइंस सेन्टर, नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ प्लांट जीनोमिक रिसर्च, इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीटयूट, राष्ट्रपति भवन और नई दिल्ली के संस्थानों का भ्रमण करेंगे। चंडीगढ़ जाने वाले समूह के विद्यार्थी सेन्ट्रल साइंटिफिक इंस्ट्रुमेंटस ऑर्गेनाइजेशन, इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च, पंजाब स्टेट काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ फॉर्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, गवर्नमेंट म्युजियम एंड आर्ट गैलरी संस्थानों का भ्रमण और वैज्ञानिकों से साक्षात्कार करेंगे। विद्यार्थी वन्दे भारत ट्रेन से नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे। दिल्ली पहुंचने पर विज्ञान भारती द्वारा इन सभी भावी वैज्ञानिकों का स्वागत किया जाएगा।