• विजन-2047- 'विकसित मध्यप्रदेश' पर भी होगा मंथन

भोपाल। मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में इंदौर के ऐतिहासिक राजवाड़ा में होने वाली कैबिनेट बैठक राजनीतिक और विकासात्मक दृष्टि से बेहद अहम मानी जा रही है। बैठक में राज्य को 'विकसित मध्यप्रदेश' के रूप में आगे ले जाने वाले कई बड़े प्रस्तावों पर चर्चा होगी। इसके अलावा  'विजन-2047' की दिशा तय करने को लेकर भी मंथन होगा। प्रदेश की राजनीति और विकास योजनाओं के लिहाज से मंगलवार का दिन अहम रहने वाला है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक इंदौर के ऐतिहासिक राजवाड़ा में आयोजित की जा रही है। इस विशेष बैठक में 'विकसित मध्यप्रदेश' की दिशा में उठाए जाने वाले बड़े कदमों पर विचार किया जाएगा। साथ ही ‘विजन-2047’ के तहत भविष्य की रणनीतियों पर भी मंथन होगा। 
मेट्रोपॉलिटन रीजन एक्ट पर मुहर संभव
बैठक में मध्यप्रदेश मेट्रोपॉलिटन नियोजन एवं विकास अधिनियम 2025 के मसौदे को पेश किया जाएगा, जिसे मंजूरी मिलने की पूरी संभावना है। इस अधिनियम के लागू होते ही भोपाल और इंदौर को मेट्रोपॉलिटन रीजन के रूप में तेजी से विकसित करने का रास्ता साफ होगा। इससे मध्यप्रदेश देश का 13वां ऐसा राज्य बन जाएगा, जहां मेट्रोपॉलिटन एक्ट लागू होगा। इस क्षेत्रीय विकास योजना के तहत एकीकृत मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। 18 विभागों से संबंधित आंकड़े मंगवाए जा चुके हैं। अगले 14 माह में रीजनल डेवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट प्लान तैयार किया जाएगा, जिसमें रोजगार, पर्यटन, स्वास्थ्य, आवास और उद्योग जैसे प्रमुख क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी।विज्ञापन
विजन-2047: अगले 20 वर्षों का रोडमैप
कैबिनेट बैठक में 'विजन-2047' पर भी विशेष चर्चा की जाएगी। सभी विभागों के मंत्री यह प्रस्तुत करेंगे कि वर्ष 2047 तक राज्य किन-किन क्षेत्रों में क्या लक्ष्य प्राप्त करना चाहता है। शिक्षा, स्वास्थ्य, अधोसंरचना, पर्यावरण और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में दीर्घकालिक नीतियां प्रस्तावित की जा रही हैं।
स्वच्छता अभियान 2029 तक बढ़ाने पर विचार
बैठक में 'मुख्यमंत्री स्वच्छता अभियान' को वर्ष 2029 तक बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी विमर्श होगा। इस विस्तार के लिए लगभग 227 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है, जिसमें 167 करोड़ रुपये राज्यांश से जुटाए जाएंगे।  

देवी अहिल्याबाई होलकर वाइल्डलाइफ सेंचुरी की तैयारी पूरी
प्रदेश सरकार इंदौर-खरगोन सीमा पर फैली कारकूट रेंज के लगभग 7,000 हेक्टेयर क्षेत्र को देवी अहिल्याबाई होलकर वाइल्डलाइफ सेंचुरी घोषित करने जा रही है। यह राज्य की 26वीं सेंचुरी होगी और इसे अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण के प्रतीक रूप में स्थापित किया जाएगा। इस सेंचुरी में जनापाव की पहाड़ियों को भी शामिल किया जाएगा, जो भगवान परशुराम की जन्मस्थली मानी जाती हैं और जहां से चंबल सहित आठ नदियों का उद्गम होता है। चोरल के घने जंगल और सुरम्य घाटियां भी इसके दायरे में आएंगी। सीएम सेंचुरी की भी घोषणा कर सकते हैं।