भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सलूजा पंचतत्व में विलीन

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रीजनल पार्क मुक्तिधाम में हुआ अंतिम संस्कार
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बेटे मीत ने दी मुखाग्नि, दोपहर बाद आएंगे सीएम
इंदौर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का अंतिम संस्कार शुक्रवार सुबह 11 बजे रीजनल पार्क मुक्तिधाम में हुआ। बेटे मीत ने पिता को मुखाग्नि दी। इससे पहले पार्थिव शरीर को चोइथराम खालसा बाग में मत्था टिकाकर मुक्तिधाम लाया गया। सलूजा का निधन बुधवार दोपहर को हुआ था। लेकिन उनकी बेटी के अमेरिका से लौटने में समय लगने के चलते आज अंतिम संस्कार किया गया। ओंकारेश्वर में एक कार्यक्रम में शामिल होने गए प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के अंतिम संस्कार में मौजूद रहने की संभावना जताई गई थी। लेकिन वे अभी तक इंदौर नहीं लौटे हैं। स्थानीय भाजपा नेताओं के अनुसार सीएम अब दोपहर में शोक संतप्त परिवार से मिलने दिवंगत सलूजा के घर जाएंगे। सलूजा के अंतिम संस्कार के दौरान मंत्री तुलसी सिलावट, विधायक रमेश मेंदोला, मधु वर्मा, आशीष अग्रवाल, जीतू जिराती, सज्जन सिंह वर्मा, सुमित मिश्रा, निशांत खरे, सावन सोनकर, गौरव रणदिवे, गोपी नेमा, अश्विन जोशी सहित कई नेता रहे मौजूद रहे। सिख समाज के बड़े पदाधिकारी भी इस दौरान मौजूद थे। जानकारी के अनुसार सलूजा की अंतिम यात्रा में करीब दो हजार लोग शामिल हुए।
बता दें कि 56 साल के सलूजा का बुधवार दोपहर कार्डियक अरेस्ट के चलते निधन हो गया था। वे मंगलवार रात को सीहोर के क्रिसेंट पार्क में शादी समारोह में शामिल हुए थे। बुधवार सुबह उन्होंने कांग्रेस के अध्यक्ष और उनके दोस्त सुरजीत सिंह चड्ढा से कहा कि मेरी तबीयत ठीक नहीं है, मैं शादी में नहीं रुकूंगा। इसके बाद वे सभी के साथ इंदौर लौट आए।
पत्नी ने रास्ते में कहा कि विशेष जूपिटर अस्पताल में चेकअप करा लेते हैं। लेकिन, वे नहीं माने। कहा कि मैंने टैबलेट खा ली है। मुझ पर दबाव मत डालो। मैं बिल्कुल ठीक हूं। उन्होंने घर जाकर खाना खाने के बाद आराम करने को कहा। इसके थोड़ी देर बाद उन्हें घबराहट फिर उल्टी हुई और हालत बिगड़ने लगी। अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। दिवंगत सलूजा की बेटी अमेरिका में पढ़ाई कर रही है। उसे वापस लौटने में करीब 48 घंटे का समय लगना था। ऐसे में सलूजा के पार्थिव शरीर को विशेष जुपिटर हॉस्पिटल की मॉर्चुरी में रखा गया था।
सोशल मीडिया पर सबसे सक्रिय प्रवक्ता थे सलूजा
नरेंद्र सलूजा कांग्रेस में रहने के दौरान कमलनाथ के बतौर मीडिया को-ऑर्डिनेटर बीजेपी पर हमलावर रहते थे। कांग्रेस के साथ ही बीजेपी की गतिविधियों, नेताओं के भाषणों पर पैनी नजर रखते थे। वे मुख्यमंत्री से लेकर बीजेपी नेताओं के भाषणों, सरकार के अच्छे फैसलों को सोशल मीडिया के जरिए साझा करते थे। कांग्रेस में होने वाली बैठकों के अंदर की खबरों और कार्यक्रमों पर बारीकी से नजर रखते थे।