मप्र के 89 हजार स्टूडेंट्स को मिले लैपटॉप: सीएम बोले-

- काग चेष्टा सबके जीवन में जरूरी
- छात्रों ने कहा- लैपटॉप से पढ़ाई में मदद मिलेगी
भोपाल। मध्यप्रदेश में कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 75 प्रतिशत या उससे ज्यादा नंबर हासिल करने वाले 89 हजार 710 स्टूडेंट्स को लैपटॉप मिले हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल स्थित प्रशासन अकादमी में आयोजित कार्यक्रम में नरसिंहपुर की गीता लोधी को पहला लैपटॉप सौंपा। बाकी स्टूडेंट्स के बैंक खातों में 25-25 हजार रुपए की राशि ट्रांसफर की। इस दौरान सीएम ने स्टूडेंट्स से बातचीत भी की। 98 प्रतिशत अंक पाने वाली नरसिंहपुर के निजी स्कूल की गीता लोधी ने कहा- आज की दुनिया में इंटरनेट बहुत जरूरी है। ये लैपटॉप पढ़ाई में बहुत हेल्प करेगा। गीता बोली- यह मेरे परिवार का पहला लैपटॉप है। मेरे बड़े भैया मैनिट से इंजीनियरिंग कर रहे हैं। उनके पास लैपटॉप नहीं है। इस पर सीएम ने मजाकिया अंदाज में कहा- दोनों भाई बहन लैपटॉप शेयर कर लेना। लड़ना मत। इस मौके पर सीएम ने कहा- काग चेष्टा, वको ध्यानम् ...इस श्लोक में संशोधन की जरूरत है। इसमें विद्यार्थी की जगह नेता-अधिकारी होना चाहिए। काग चेष्टा सबके जीवन में जरूरी है।
सीएम बोले- नेता नहीं बनना चाहते हो?
भोपाल के स्टूडेंट प्रशांत राजपूत ने कहा- मेरे पिता जी की बंसल अस्पताल के सामने चाय की दुकान है। माता जी गृहिणी हैं। लैपटॉप मिलने के बाद मैं अपनी पढ़ाई अच्छे से कर पाऊंगा। वहीं, मुरैना की स्नेहा त्यागी बोली- अब क्कस्ष्ट की तैयारी करनी है। लैपटॉप से काफी मदद मिलेगी।
सीएम ने पूछा- हमें कब से जानती हो? तो स्नेहा बोली- एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में आपके हाथों 50 हजार रुपए की स्कॉलरशिप मिली थी।
दमोह की मोनिका साहू ने कहा- मैंने प्रदेश में 5वां रैंक हासिल किया है। मैं आईएएस बनना चाहती हूं। इस पर सीएम बोले- नेता नहीं बनना चाहती हो? तो सभी स्टूडेंट मुस्कुराने लगे।
स्टू़डेंट बोले- विश्वास था, लैपटॉप मिलेगा
वहीं, जय जाट ने कहा- लैपटॉप के लिए थोड़ा इंतजार जरूर करना पड़ा लेकिन मुझे विश्वास था कि ये जरूर मिलेगा। मेरे पिताजी पेट्रोल पंप पर काम करते हैं। मैं इनकम टैक्स विभाग में अधिकारी बनना चाहता हूं।
भोपाल के पुष्पेंद्र राजपूत बोले- मेरे पास लैपटॉप नहीं था तो मैंने इसे खरीद लिया। अब पैसे आ जाएंगे तो चुका दूंगा।
तकनीक के बल पर संकटों का समाधान निकालें
सीएम यादव ने कहा- आज का समय इलेक्ट्रॉनिक्स, गूगल और नवाचार का है। इजराइल ने तमाम कठिनाइयों के बीच तकनीक के बल पर समाधान निकाले। वहां मोबाइल और टेलीपेजर जैसी तकनीक का उपयोग कर बम भी बनाए गए। हालांकि, मैं यह नहीं कहूंगा कि आप ऐसा करें। ध्यान रखें कि इजराइल ने तकनीक के माध्यम से अपने सभी संकटों का समाधान खोजा। आप भी ऐसा ही करें।
जीवन में शिक्षा और स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण
कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा- जिस सरकार की प्राथमिकता शिक्षा और स्वास्थ्य होते हैं, वह सबसे संवेदनशील मानी जाती है। 15 दिन पहले 8 हजार बच्चों को पेट्रोल और ई-स्कूटी दी गई थी। आज लैपटॉप मिल रहे हैं। हमारी सरकार तंत्र बच्चों का भविष्य बेहतर बनाने की कोशिश में लगी है।