• प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में जारी विकास प्रक्रिया से बदल रहा है प्रदेश का परिदृश्य

  • 12 प्रतिशत की तेज गति से चल रही है औद्योगिक विकास दर

  • मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रामपुरा नीमच में किया विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नीमच-मंदसौर क्षेत्र राजस्थान का द्वार है और रामपुरा का प्राकृतिक सौंदर्य अभिभूत करने वाला है। औषधीय वनस्पति की राजधानी नीमच- मंदसौर को चीता प्रोजेक्ट और औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार से नई पहचान मिलेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की पहल पर मध्यप्रदेश में चीतों का पुनर्वास आरंभ हुआ। गांधी सागर क्षेत्र में चीतों के आने से मंदसौर-नीमच क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों का विस्तार होगा और रोजगार के नए अवसर निर्मित होंगे, गांवों में होमस्टे जैसी सुविधाएं विकसित होंगी। स्थानीय व्यंजनों की पहचान वैश्विक स्तर पर बनेगी। इन सब गतिविधियों की ओर विश्व, आशा और जिज्ञासा से देख रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नीमच और मानसा में छोटे ट्रैक्टरों को स्वच्छता रथ के रूप में विकसित करने की पहल की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि औषधीय वनस्पतियों की खेती के लिए मंदसौर, नीमच राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध है, इसके लिए यहां के किसान अभिनंदनीय हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसानों से 2600 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदा जा रहा है। यह किसानों की बेहतरी के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता की अभिव्यक्ति है। प्रदेश निरंतर प्रगति पथ पर अग्रसर है, इसी का परिणाम है कि वर्तमान में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 1,53,280 रुपए है। यह प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में "सबका साथ-सबका विकास" की भावना से चलने का परिणाम है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गांधी सागर डैम का निर्माण 1960 में हुआ। जिसके कारण कई गांव डूबे, लेकिन डैम के आसपास के गांव को न तो पानी लेने की सुविधा दी गई और न ही सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई गई। राज्य सरकार ने गांधी सागर डैम के जल से सब ओर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। जनता की बेहतरी के हर संभव प्रयास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।