• नसबंदी में अनुमोदित राशि से कम खर्च कर रहा बीएमसी

भोपाल। भोपाल में आवारा श्वानों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। भोपाल नगर निगम आवारा कुत्तों की नसबंदी पर सिर्फ 1100 रुपये खर्च कर रहा है, जो भारतीय पशु कल्याण बोर्ड द्वारा अनुशंसित 1650 रुपये की राशि से काफी कम है, जिसमें परिवहन के लिए 200 रुपये शामिल हैं। राजधानी भोपाल में आवारा श्वानों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। जबकि बीएमसी ने शहर में एक साल में करीब 19 हजार 489 कुत्तों की नसबंदी चुका है। पिछले साल 18 हजार 497 कुत्तों की नसबंदी की गई थी। दो साल में 37 हजार 986 कुत्तों की नसबंदी हो चुकी है और इस नसबंदी कार्यक्रम में सवा चार करोड़ खर्च हो चुके हैं। बता दें कि भोपाल नगर निगम (बीएमसी) आवारा कुत्तों की नसबंदी पर सिर्फ 1100 रुपये खर्च कर रहा है, जो भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई) द्वारा अनुशंसित 1650 रुपये की राशि से काफी कम है, जिसमें परिवहन के लिए 200 रुपये शामिल हैं।
बीएमसी करता है सस्ती दवाओं का उपयोग
वर्तमान में बीएमसी केवल तीन पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) केंद्र संचालित करता है, जो प्रतिदिन 25 से 40 कुत्तों की नसबंदी करता है। इन केंद्रों की देखरेख करने वाले डॉ. डीपी सिंह ने बताया कम बजट के कारण बीएमसी सस्ती दवाओं का उपयोग करता है, लेकिन नसबंदी प्रक्रियाओं की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाता है। बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त रणबीर सिंह ने पुष्टि की कि जनवरी में केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा गया था जिसमें बढ़ते आवारा कुत्तों के खतरे से निपटने के लिए छह अतिरिक्त एबीसी केंद्र स्थापित करने का अनुरोध किया गया था। उन्होंने कहा कि एक बार जब नए केंद्र चालू हो जाएंगे, तो हमें कुत्तों के काटने के मामलों में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है।
पिछले चार वर्षों में 55 हजार से अधिक कुत्तों की नसबंदी
बीएमसी के पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पिछले चार वर्षों में 55,000 से अधिक आवारा कुत्तों की नसबंदी की गई। हालांकि, स्थानीय लोगों में चिंता बढ़ रही है क्योंकि कथित तौर पर नसबंदी किए गए कुत्ते बढ़ते तापमान के साथ आक्रामक हो रहे हैं, अक्सर रात में वाहनों का पीछा करते देखे जाते हैं और शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बच्चों पर हमला करते हैं। शहर में प्रतिदिन कुत्तों से संबंधित 15-20 शिकायतें आती हैं, कुत्तों के काटने की लगातार रिपोर्टें आती हैं, जिससे नागरिकों की जान भी चली जाती है, और यह निवासियों के लिए चिंता का विषय है।
भोपाल मे ंतीन एनीमल बर्थ कंट्रोल सेंटर
भोपाल बीएमसी के तीन लोकेशनों पर एनीमल बर्थ कंट्रोल सेंटर बने हैं। यह सेंटर आदमपुर छावनी लैंडफिल साइट, अरवलिया गौशाला के पास और कोलार कजलीखेड़ा में है। इन सेंटरों पर नगर निगम का डॉग स्क्वॉड आवारा कुत्तों को पकड़कर लाता है, इसके बाद नसबंदी होती है। रोजाना 25 से 40 कुत्तों की नसबंदी हो रही है। जबकि एबीसी की क्षमता 300 से अधिक की है। निगम अधिकारियों के मुताबिक नसबंदी करने वाली एजेंसी बाहर की है। उन्हीं के डॉक्टर नसबंदी करते हैं।