भोपाल नगर निगम बजट: वन नेशन-वन इलेक्शन पर हंगामा

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कांग्रेस बोली- लोकसभा का मामला यहां क्यों उठा रहे
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आसंदी के सामने पहुंचे पार्षद
भोपाल। भोपाल नगर निगम की बजट मीटिंग में महापौर ने वन नेशन वन इलेक्शन का समर्थन प्रस्ताव रखा। बीजेपी पार्षद सूर्यकांत गुप्ता ने इस पर चर्चा शुरू करनी चाही, लेकिन कांग्रेस पार्षदों ने विरोध जताया। उन्होंने कहा कि यह लोकसभा का मामला है, नगर निगम में इसे क्यों उठाया जा रहा है। इस पर निगम अध्यक्ष सूर्यवंशी ने कहा कि प्रस्ताव मेरी अनुमति से रखा गया है, सभी पार्षद अपनी सीटों पर बैठें। लेकिन कांग्रेस पार्षदों ने विरोध जारी रखा और अध्यक्ष की आसंदी के सामने पहुंच गए। अध्यक्ष ने कांग्रेस पार्षदों को वापस भेजा, वहीं बीजेपी पार्षद सूर्यकांत गुप्ता ने प्रस्ताव रखना जारी रखा और बीजेपी पार्षदों ने इसका समर्थन किया। मौजूदा परिषद की इस 12वीं बैठक में कुल 3300 करोड़ रुपए का बजट पेश किया जाएगा। कांग्रेस पार्षदों ने विरोध करते अध्यक्ष की आसंदी के सामने पहुंच गए।
टैक्स बढ़ने पर हंगामे के आसार
नगर निगम के इस बजट में प्रॉपर्टी टैक्स में 15% और जल कर में 10% तक वृद्धि का प्रस्ताव रखा जा सकता है। पानी के बल्क कनेक्शन की फीस को आधा करने की संभावना भी जताई जा रही है। इस बढ़ोतरी को लेकर विपक्ष के तीखे विरोध की आशंका है। इससे पहले, बुधवार को बीजेपी और कांग्रेस पार्षदों ने इस मुद्दे पर रणनीति बनाई थी। पिछली बार 3353 करोड़ के बजट में कोई नया टैक्स नहीं जोड़ा गया था, लेकिन इस बार प्रस्तावित बढ़ोतरी को लेकर नगर निगम की बैठक में जमकर बहस होने की संभावना है।
निगम मुख्यालय की लागत बढ़ाने पर हंगामा
भोपाल नगर निगम मुख्यालय के निर्माण की राशि में करीब 7 करोड़ की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया, जिसके बाद बैठक में हंगामा हो गया। GST की अतिरिक्त राशि को लेकर कांग्रेस पार्षदों ने विरोध किया, जबकि बीजेपी पार्षद पप्पू विलास ने कहा कि काम पहले ही लेट हो चुका है, ऐसे में लागत बढ़ाना गलत है। उन्होंने इस प्रस्ताव को परीक्षण के बाद पास करने की मांग की। एमआईसी मेंबर रविंद्र यति ने निगम मुख्यालय की खासियतें गिनाईं, लेकिन पार्षद हिमांशु कंसाना और गुड्डू चौहान ने अधिक GST देने पर आपत्ति जताई। इस पर एमआईसी मेंबर अशोक वाणी ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया और GST का भुगतान नियमानुसार ही किया गया है। भोपाल में टीटी नगर स्थित सरकारी आवास का निर्माण हुआ था। सीएम मोहन यादव ने परिसर का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी परिसर करने की घोषणा की थी। मीटिंग में यह प्रस्ताव भी ध्वनिमत से पास कर दिया गया। एमआईसी मेंबर रविन्द्र यति ने यह प्रस्ताव रखा। प्रश्नकाल के बाद महापौर ने वन नेशन वन इलेक्शन का प्रस्ताव रखा। बीजेपी पार्षद सूर्यकांत गुप्ता ने इस पर चर्चा शुरू करनी चाही, लेकिन कांग्रेस पार्षदों ने विरोध जताया। उन्होंने कहा कि यह लोकसभा का मामला है, नगर निगम में इसे क्यों उठाया जा रहा है। नगर निगम बैठक में बीजेपी पार्षद गीता प्रसाद माली ने सड़कों पर अतिक्रमण और हाईटेंशन लाइन के नीचे बिल्डिंग निर्माण का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि अगर कार्रवाई हो रही है, तो सभी पर समान रूप से होनी चाहिए। एमआईसी मेंबर आनंद अग्रवाल ने बताया कि बाग सेवनिया के अंजनी विहार में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाने की अनुमति दी गई थी। नियम के अनुसार हाईटेंशन लाइन से 7.5 मीटर की दूरी होनी चाहिए, लेकिन यह सिर्फ 5 मीटर रही। उन्होंने कहा कि किसी ने गलत टीप दी थी, जिसकी जानकारी महापौर को भी मिली और कार्रवाई की गई।
नगर निगम की गाड़ियों के सुधार पर 1 करोड़ खर्च
पार्षद रेहाना सुल्ताना ने पूछा कि निगम के परिवहन विभाग ने गाड़ियों के सुधार में कितने खर्च किए? एक वाहन कितनी बार सुधारा गया? इस पर एमआईसी मेंबर राजेश हिंगोरानी ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि निगम के पास वाहनों में समय-समय पर सुधार किया जाता है। इस वित्तीय वर्ष में 1 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। कांग्रेस पार्षद मोहम्मद इलियास ने वार्ड-77 और 78 में पार्कों से जुड़ा सवाल पूछा, जिसका जवाब एमआईसी मेंबर आनंद अग्रवाल ने दिया और कहा कि जवाब लिखित में दिया जाएगा। कांग्रेस पार्षद देवांशु कंसाना ने लैपटॉप, कंप्यूटर और स्टेशनरी पर हुए खर्च को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि मेंटेनेंस पर अब तक कितनी राशि खर्च हुई है। इस पर अध्यक्ष ने लिखित में जवाब देने का निर्देश दिया। कांग्रेस पार्षद रेहाना सुल्तान ने नगर निगम मद से होने वाले निर्माण कार्यों और ठेकेदारों को लेकर सवाल किया। उन्होंने टेंडर और खर्च की पूरी जानकारी मांगी। इसका जवाब एमआईसी मेंबर जितेंद्र शुक्ला ने दिया।प्रश्नकाल के बीच बीजेपी पार्षद देवेंद्र भार्गव का माइक खराब हो गया। ऐसे में उन्होंने कहा कि, माइक खराब है। जब सुधर जाए तो एक-दो दिन बाद मीटिंग कर लेंगे। वहीं, इस पर अध्यक्ष सूर्यवंशी ने कहा कि जरूरत पड़ी तो ये भी कर लेंगे।
पिछली बार 3353 करोड़ रुपए का आया था बजट
'शहर सरकार' का पिछला बजट कुल 3353 करोड़ रुपए का पेश हुआ था। इस बार 3300 करोड़ रुपए का बजट आ सकता है। पिछले बजट में कोई भी टैक्स नहीं बढ़ाया गया था। तब भी जल कर बढ़ाने की संभावना थी, पर विरोध के चलते ऐसा नहीं हो सका था। अवैध से वैध हुई कॉलोनियों में विकास कार्य कराए जाने के लिए करोड़ों रुपयों का प्रावधान जरूर किया गया था।