भोपाल गैस कांड में क्रिमिनल चार्ज का विरोध कर रही कंपनी

भोपाल। भोपाल गैस कांड में द डाउ केमिकल कंपनी (टीडीसीसी) की आपराधिक जिम्मेदारी को लेकर भोपाल जिला न्यायालय में गुरुवार को सुनवाई हुई। कंपनी के वकील रवींद्र श्रीवास्तव ने अदालत के पिछले आदेश में संशोधन की मांग करने वाला आवेदन वापस ले लिया। अभियोजन पक्ष केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की सहायता कर रहे भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन (बीजीआईए) के वकील अवि सिंह ने टीडीसीसी द्वारा आवेदन का विरोध किया। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सुश्री हेमलता अहिरवार ने डाउ केमिकल के दायित्व और उस पर भारतीय अदालतों के अधिकार क्षेत्र के मामलों पर अंतिम बहस के लिए 9 अप्रैल की तारीख तय की है। टीडीसीसी द्वारा भोपाल अदालत के अधिकार क्षेत्र को चुनौती देने के खिलाफ तर्क देते हुए, लोक अभियोजक मनफूल बिश्नोई ने बताया, भारतीय आपराधिक कानून के तहत, अदालत का क्षेत्राधिकार उस स्थान से तय होता है जहां अपराध किया गया है। निर्विवाद रूप से भोपाल ही है जहां यूनियन कार्बाइड गैस हादसा ने हजारों लोगो को मार डाला और लाखों को जिंदगी भर की चोट पहुंचाई है। अपने बचाव में टीडीसीसी के वरिष्ठ वकील ने तर्क दिया कि डाउ ने कोई अपराध नहीं किया है। क्योंकि उसने आपदा के 17 साल बाद यूनियन कार्बाइड खरीदा था। बीजीआईए के वकील अवि सिंह ने बताया कि यूनियन कार्बाइड अमेरिका 1992 से भगोड़ा घोषित है। टीडीसीसी को 2001 में एक भगोड़ी कम्पनी का अधिग्रहण करके उसकी आपराधिक दायित्व भी विरासत में मिली है