16वें वित्त आयोग की बैठक: राजधानी को विशेष फंड की मांग

- अनुदान देने का क्राइटेरिया बढ़ाने का भी दिया सुझाव
भोपाल। प्रदेश दौरे पर आए 16वें केंद्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगड़िया और आयोग के सदस्यों के साथ बुधवार को भोपाल में ग्रामीण, नगरीय और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक आयोजित हुई। इस दौरान नगरीय निकायों के महापौरों और अन्य जन-प्रतिनिधियों ने विकास कार्यों के लिए विशेष फंड की मांग की, साथ ही ग्रीन मोबिलिटी, एआई तकनीक, अवैध कॉलोनियों और गंदी बस्तियों के उन्मूलन के लिए भी अतिरिक्त अनुदान देने का सुझाव दिया। प्रदेश के दौरे पर आए 16वें केंद्रीय वित्त आयोग के साथ बुधवार को भोपाल में ग्रामीण, स्थानीय निकाय, नगरीय स्थानीय निकाय और राजनीतिक दलों के विभिन्न प्रतिनिधियों की बैठक हुई। बैठक में वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगड़िया और सदस्यों ने सभी से चर्चा की। ग्रामीण स्थानीय निकायों, नगरीय निकायों के जन-प्रतिनिधियों और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने आयोग के समक्ष अपने विचार और सुझाव भी रखे। बैठक में प्रदेश की नगरीय निकायों के प्रतिनिधि के रूप में चार नगर निगम के महापौर इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव, सतना के महापौर योगेश ताम्रकार, खंडवा की महापौर अमृता यादव तथा भोपाल की महापौर मालती राय एवं 11 अन्य नगर पालिका तथा नगर परिषद के अध्यक्ष उपस्थित थे।
भोपाल के लिए विशेष फंड दें
भोपाल की महापौर मालती राय ने प्रदेश की राजधानियों के लिए विशेष फंड की मांग की। उन्होंने कहा कि राजधानी में विकास कार्यों के लिए अलग से फंड दिया जाना चाहिए, ताकि राजधानी के विकास कार्य उसके अनुसार किए जा सकें। उन्होंने कहा कि राजधानी में ज्यादा कार्य रहते हैं, ताकि फंड की उपलब्धता होने पर उनको पूरा किया जा सके। वहीं, इसके अलावा आयोग से उसके फंड देने के मानदंड को भी बढ़ाने का सुझाव दिया गया। अभी नगरीय निकाय, नगर परिषद में आयोग की तरफ से दिए जाने वाले फंड सभी कार्य के लिए नहीं मिलता है। जनप्रतिनिधियों ने क्राइटेरिया बढ़ाने की मांग की।
ग्रीन मोबिलिटी और एआई के लिए अनुदान की मांग
इंदौर नगर निगम के महापौर पुष्पमित्र भार्गव ने आयोग से अधिकारियों ने ग्रीन मोबिलिटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक के विकास के लिए अनुदान की मांग की है। इसके अलावा, उन्होंने समय पर ग्रांट नहीं मिलने की बात कही। उन्होंने कहा कि अनुदान के समय पर नहीं मिलने के कारण कई काम प्रभावित होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 13 प्रतिशत प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाने के बाद ही ग्रांट तय की जाती है, लेकिन इस प्रक्रिया में कुछ राहत दी जानी चाहिए। साथ ही, उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि परफॉर्मेंस के आधार पर अनुदान दिया जाता है, लेकिन इसे समान रूप से वितरित किया जाना चाहिए, ताकि सभी नगर निगमों को समान लाभ मिल सके।
इन कार्यों के लिए भी मांगा फंड
इसके अलावा बैठक में अवैध कॉलोनियों के विकास और अंडरग्राउंड केबल लिए भी अतिरिक्त फंड देने की मांग की। इसके साथ ही गंदी बस्तियों के उन्मूलन के लिए भी अलग से फंड की मांग की गई। जनप्रतिनिधियों ने बैठक में आयोग के सामने यह भी मुद्दा उठाया कि अन्य नगर निगम को टैक्स की वसूली के अनुसार ग्रांट तय होती है, लेकिन दूसरे विभाग जो समय पर टैक्स नहीं देते उनके लिए भी ग्रांट जारी करने को लेकर नियम बनाना चाहिए।