• शिवराज सरकार में 15 साल रहा दबदबा

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मोहम्मद सुलेमान ने सेवानिवृत्ति के पांच माह पहले ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। एक माह पहले उन्होंने आवेदन दिया था, जिसे सरकार ने मंजूर कर लिया। सुलेमान को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज का विश्वसनीय माना जाता है। उनकी सरकार के 15 साल में सुलेमान का दबदबा था। मध्यप्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मोहम्मद सुलेमान के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के आवेदन को राज्य सरकार ने मंजूर कर लिया है। 1989 बैच के आईएएस अधिकारी सुलेमान जुलाई 2025 में सेवानिवृत्त होने वाले थे। आईएएस अधिकारी ने एक माह पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन दिया था, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया है। उन्होंने 13 फरवरी को पत्र लिखकर वीआरएस के लिए अनुरोध किया था। 13 मार्च से उनकी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति प्रभावी होगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आईएएस मोहम्मद सुलेमान वीआरएस के बाद अब दिल्ली स्थित द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट से पीएचडी करेंगे। वीआरएस के बाद कूलिंग ऑफ पीरियड पूरा करने के बाद वे किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी को ज्वाइन कर सकते हैं। 
शिवराज के विश्वसनीय अधिकारियों में शामिल थे 
मोहम्मद सुलेमान ने अपने करियर की शुरुआत ग्वालियर में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में की थी। इसके बाद वे सिवनी, बालाघाट और इंदौर के कलेक्टर भी रहे। कोरोना महामारी के दौरान, उन्हें प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में अपर मुख्य सचिव (एसीएस) हेल्थ का अहम जिम्मा सौंपा गया था। उनको पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विश्वनीय अधिकारियों में शामिल थे। शिवराज की 15 साल की सरकार में उन्हें पावर फुल पोस्टिंग मिलती रही। तत्कालीन मुख्यमंत्री के करीबी होने से उनका दबदबा था। 18 माह की कमलनाथ सरकार में भी उनको महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां मिली थीं। 
मुख्य सचिव की रेस में पिछड़ गए थे
प्रदेश के मुख्य सचिव की रेस में मोहम्मद सुलेमान का नाम भी शामिल था। वर्तमान मुख्य सचिव अनुराग जैन और मोहम्मेद सुलेमान दोनों 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। ऐसा माना जा रहा है कि जैन के मुख्य सचिव बनने के बाद सुलेमान को धक्का लगा। इसके बाद से ही वे कुछ प्लानिंग करने में जुट गए थे। वरिष्ठ पत्रकार प्रभु पटैरिया का कहना है कि सुलेमान भी चीफ सेक्रेटरी की रेस में शामिल थे, लेकिन बाद में बाहर हो गए। इससे पहले भी बहुत से अधिकारी इस तरह वीआरएस का निर्णय ले चुके हैं। 
मोहन सरकार में लूप लाइन में 
प्रदेश में डॉ. मोहन यादव की सरकार बनने के बाद चार साल से स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग के अपर मुख्य सचिव के पद पर बैठे मोहम्मद सुलेमान को हटा कर कृषि उत्पादन आयुक्त बनाया गया। इसके बाद उनको मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल के अध्यक्ष पद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। सुलेमान को धीरे धीरे करके मंत्रालय से ही बाहर कर दिया गया।