मुठभेड़ में ढेर हुआ एक बदमाश एसआई का बेटा
- 2017 में मधुबन पुलिस अकादमी में हुई थी पिता की मौत
करनाल (हरियाणा)। शामली में मेरठ एसटीएफ और बदमाशों के बीच करीब 42 मिनट तक एनकाउंटर चला। दोनों ओर से 30 से अधिक राउंड फायरिंग की गई। इसमें मुस्तफा कग्गा गैंग के चार बदमाश ढेर हो गए। यूपी के शामली में एसटीएफ ने चार बदमाशों को मुठभेड़ में मार दिया। इनमें एक बदमाश करनाल के मधुबन की अशोक विहार कॉलोनी का रहने वाला था। उसके पिता हरियाणा पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत थे। 2017 में उसके पिता की बीमारी के कारण मौत हो गई थी। वह मधुबन पुलिस अकादमी में ही तैनात थे। फिलहाल बदमाश सतीश अपनी दो बेटियों व मां के साथ रह रहा था। वह मूल रूप से सोनीपत के गांव शेखपुरा का रहने वाला था। 2015 में वह करनाल आए थे।
पत्नी की हो चुकी है मौत
सतीश की दो बेटियां 11वीं व 12वीं कक्षा में पढ़ती हैं। परिजनों का कहना है कि सतीश घर आता जाता था। सतीश की पत्नी की भी मौत हो चुकी है। सतीश के क्रिमिनल रिकॉर्ड के बारे में पुलिस जानकारी जुटा रही है। सोमवार देर रात करीब दो बजे शामली एसटीएफ को चार बदमाशों की सूचना मिली। तो टीम ने मौके पर जाकर बदमाशों को घेर लिया। इसके बाद बदमाशों ने एसटीएफ टीम पर गोलियां दागनी शुरू कर दी। इसके बाद एसटीएफ ने भी बदमाशों पर गोलियां चलाई। इस दौरान एसटीएफ टीम के इंस्पेक्टर सुनील को पेट में गोली लगी। इसके बाद एसटीएफ टीम ने चारों बदमाशों को निशाने पर ले लिया और उन्हें ढेर कर दिया।
चारों बदमाश मुस्तफा कग्गा गैंग के थे। इनमें एक बदमाश एक लाख रुपये का इनामी सहारनपुर निवासी अरशद निकला। दूसरा हरियाणा सोनीपत जिले का रहने वाला मंजीत दहिया, जो हत्या के मामले में सजा काट रहा था। कुछ दिन पहले ही वह पैरोल पर जेल से बाहर आया था। वहीं तीसरा बदमाश करनाल के मधुबन का रहने वाला सतीश था। चौथे बदमाश की अभी शिनाख्त नहीं हो पाई है।
करनाल प्राइवेट अस्पताल में दाखिल कराया था पुलिस अधिकारी को
मुठभेड़ में घायल हुए यूपी एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील को देर रात करनाल के प्राइवेट अस्पताल में दाखिल कराया था। उनकी हालत गंभीर होने के कारण उन्हें मेदांता अस्पताल में रेफर कर दिया गया। इस दौरान करनाल एसपी गंगाराम पूनिया सहित सिविल लाइन, सेक्टर 32 थाना प्रभारी व डीएसपी भी मौके पर अस्पताल में पहुंचे थे।