• स्टेटस पर लिखा..मैं जिंदादिल इंसान था

भोपाल। भोपाल के शक्ति नगर में 82 वर्षीय होम्योपैथी डॉक्टर हरिकिशन शर्मा ने मानसिक रूप से बीमार बेटी चित्रा शर्मा (36) को जहर देकर मारने के बाद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में उन्होंने बीमारी और बेटी की देखभाल में असमर्थता को कारण बताया। पुलिस जांच जारी है। राजधानी भोपाल के गोविंदपुरा थाना क्षेत्र के शक्ति नगर में रहने वाले एक वृद्ध होम्योपैथी डॉक्टर का शव घर में फंदे पर लटका मिला, वहीं उनकी होम्योपैथी डॉक्टर बेटी का शव बिस्तर पर पड़ा मिला। प्रारंभिक पड़ताल में पुलिस को पता चला है कि बेटी मानसिक रोगी हो गई थी, जिसकी वजह से डॉक्टर पिता बहुत परेशान रहते थे। इस कारण उन्होंने बेटी को जहर दे दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। बेटी की मौत के बाद वृद्ध डॉक्टर ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस आत्महत्या और बेटी की हत्या दोनों एंगल से जांच कर रही है। डॉक्टर ने आत्महत्या करने से पहले सोशल मीडिया पर एक स्टेटस भी लगाया था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि मैं जिंदादिल इंसान था..। 
गोविंदपुरा थाना प्रभारी अवधेश सिंह तोमर ने बताया कि 82 वर्षीय हरिकिशन शर्मा शक्ति नगर में रहते थे और भेल से रिटायर्ड थे। वे होम्योपैथी डॉक्टर थे तथा सेवानिवृत्त होने के बाद वे घर में ही डिस्पेंसरी चलाते थे। उनके घर में बड़ी संख्या में होम्योपैथिक दवाइयां भी बरामद हुई हैं। हरिकिशन शर्मा का शव फंदे पर लटका मिला। पास में उनका मोबाइल मिला है, जिसकी इंस्टाग्राम स्टोरी में सुसाइड नोट लिखा है। सुसाइड नोट में लिखा है कि मेरी बेटी की मानसिक स्थिति बिल्कुल ठीक नहीं है। मैं खुद भी कई बीमारियों से पीड़ित हूं। मुझे भी सेवा की जरूरत है और बेटी को भी। मैं बेटी की देखभाल ठीक से नहीं कर पा रहा हूं। बहुत दिनों से इस तरह की परेशानी को सह रहा हूं, लेकिन अब नहीं सहा जाता। जिंदगी से थक गया हूं.. इस कारण अब मैं आत्महत्या कर रहा हूं। 
बेटी भी डॉक्टर बताई जा रही
थाना प्रभारी तोमर ने बताया कि हरिकिशन शर्मा की छोटी बेटी 36 वर्षीय चित्रा शर्मा भी उनके साथ ही रहती थीं, उसकी शादी नहीं हुई थी। कुछ पड़ोसियों ने चित्रा शर्मा को भी आयुर्वेद या होम्योपैथी डॉक्टर की पढ़ाई पूरी करना बताया है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। मोहल्ले के लोग बताते हैं कि हरिकिशन शर्मा के जवान बेटे और फिर पत्नी का समय से पहले निधन हो जाने के कारण शर्मा डिप्रेशन में आ गए थे। इसके बाद से ही वे डिप्रेशन में रह रहे थे। भाई और मां की मौत के बाद चित्रा शर्मा भी डिप्रेशन में चली गई और बाद में वह मेंटल डिसार्डर की शिकार हो गई। शर्मा को ही मानसिक बीमार बेटी की पूरी देखभाल करनी पड़ती थी। शर्मा की बड़ी बेटी और दामाद भोपाल में ही रहते हैं, लेकिन वे उनसे मिलने कभी-कभार ही घर आते थे। पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है।