10 मई को ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना का एमओयू

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मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र को मिलेगा लाभ
भोपाल। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच जल संसाधन के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक समझौते की ओर कदम बढ़ाते हुए, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की उपस्थिति में शनिवार को भोपाल में 'ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना' का एमओयू हस्ताक्षरित किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की मौजूदगी में शनिवार को भोपाल में 'ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज' परियोजना का एमओयू होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि केन-बेतवा लिंक परियोजना और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के बाद अब मध्य प्रदेश में तीसरी महत्वपूर्ण अंतरराज्यीय नदी परियोजना "ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना" पर कार्य होगा। इस अंतरराज्यीय संयुक्त परियोजना के सभी अवरोध अब दूर हो गए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना विश्व की सबसे बड़ी ग्राउंड रिचार्ज परियोजना है। इसके जरिए महाराष्ट्र सरकार के साथ मिलकर ताप्ती नदी की तीन धाराएं बनाकर राष्ट्रहित में नदी जल की बूंद-बूंद का उपयोग सुनिश्चित कर कृषि भूमि का कोना-कोना सिंचित करेंगे। उन्होंने कहा कि ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज योजना में कुल 31.13 टीएमसी जल का उपयोग होगा। इसमें से 11.76 टीएमसी मध्य प्रदेश को और 19.36 टीएमसी जल महाराष्ट्र राज्य के हिस्से में आएगा। इस परियोजना में प्रस्तावित बांध एवं नहरों से मध्य प्रदेश कुल 3 हजार 362 हैक्टेयर भूमि उपयोग में लायी जाएगी। परियोजना में कोई गांव प्रभावित नहीं होगा अत: इसमें पुनर्वास की भी आवश्यकता नहीं होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रदेश की एक-एक नदी के एक-एक बूंद जल का समुचित उपयोग राष्ट्र और राज्य के हित में करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जिस तरह पिछले दिनों हमने पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना का राजस्थान के साथ कार्य प्रारंभ किया है, उसी प्रकार उत्तर प्रदेश के साथ केन-बेतवा नदी जोड़ो की बड़ी राष्ट्रीय परियोजना पर काम किया जा रहा है। इसी अनुक्रम में अब हमने इस तीसरी राष्ट्रीय नदी जल परियोजना के जरिए महाराष्ट्र राज्य के साथ आगे बढ़ने का निर्णय लिया है। इस परियोजना से महाराष्ट्र के उत्तर क्षेत्र एवं मध्य प्रदेश के दक्षिण क्षेत्र के हिस्से को पर्याप्त जल उपलब्ध कराएंगे। साथ ही नागपुर जैसे बड़े शहर में पीने के पानी की समस्या और छिंदवाड़ा जिले में भी सिंचाई जल की समुचित आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे।