• 151 लीटर दूध से महाअभिषेक, भक्तों पर होगी पुष्पवर्षा

खंडवा। नर्मदा जन्मोत्सव के चलते सप्ताह भर से प्रतिदिन संध्या समय सभी घाटों पर बने मंचों से विद्वान पंडितों द्वारा पूजन, अभिषेक और आरती की जा रही है, जो आज भी जारी रहेगी। इसके साथ ही दोपहर में जन्म की पूजा के समय 151 लीटर दूध से मां नर्मदा का महाअभिषेक स्थानीय पवित्र गोमुख घाट पर किया जाएगा। श्री मां नर्मदा के जन्म महोत्सव का मुख्य आयोजन आज मंगलवार को मनाया जाएगा। दोपहर में मां नर्मदा के जन्म की पूजा संपन्न कराई जाएगी। सुबह से ही पूजन के साथ जगह-जगह भंडारे आयोजित होंगे। यह आयोजन प्रदेश के साथ ही मुख्य रूप से खंडवा जिले की धार्मिक तीर्थनगरी ओंकारेश्वर स्थित नर्मदा घाटों पर होंगे। 
बता दें कि मां नर्मदा का जन्म महोत्सव सप्ताह 29 जनवरी से लगातार चल रहा है, जिसका मुख्य दिवस माघ शुक्ल सप्तमी अर्थात मंगलवार रहेगा। माना जाता है कि इसी दिन नर्मदा जी का धरती पर अवतरण हुआ था। वहीं, नर्मदा जी के जन्मोत्सव के लिए ओंकारेश्वर में मुख्य रूप से खेड़ीघाट सहित नर्मदा के सभी घाटों को सुंदर ध्वज-पताकाओं एवं आकर्षक रंग-बिरंगी विद्युत साज-सज्जा से सजाया गया है।
भक्तों पर हेलीकॉप्टर से होगी पुष्पवर्षा
नर्मदा जन्मोत्सव के चलते सप्ताह भर से प्रतिदिन संध्या समय सभी घाटों पर बने मंचों से विद्वान पंडितों द्वारा पूजन, अभिषेक और आरती की जा रही है, जो आज भी जारी रहेगी। इसके साथ ही दोपहर में जन्म की पूजा के समय 151 लीटर दूध से मां नर्मदा का महाअभिषेक स्थानीय पवित्र गोमुख घाट पर किया जाएगा। वहीं, दोपहर में मोरटक्का और खेड़ीघाट पर मां नर्मदा के भक्तों पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कराई जाएगी। इसके बाद शाम को यहां भक्तों द्वारा महाआरती की जाएगी। महाआरती के दौरान रंग-बिरंगी आतिशबाजी भी छोड़ी जाएगी। इस दौरान सवा लाख दीपदान मां नर्मदा के जल में विभिन्न घाटों पर किया जाएगा, जिससे ऐसा प्रतीत होगा मानो आकाश के तारे नर्मदा जी के जल में उतर आए हों।
सायंकाल में होगी प्रसिद्ध कांकड़ आरती
बड़ी संख्या में पहुंचे भक्तगण यहां के घाटों पर पूजन करेंगे और मां नर्मदा को वस्त्र एवं चुनरी अर्पित करेंगे। इसके साथ ही हलवा प्रसाद का क्विंटलों में वितरण होगा, साथ ही कन्या भंडारे भी आयोजित होंगे। वहीं, मंगलवार शाम चार बजे मां नर्मदा जी की शोभायात्रा बैंड-बाजों और ढोल-धमाकों के साथ निकाली जाएगी। सायंकाल प्रसिद्ध कांकड़ आरती भी होगी। इस दौरान नर्मदा जी के दोनों तटों पर कांकड़े जलाए जाएंगे। भक्तों के अनुसार, उस समय ऐसा लगेगा मानो देवता गण विंध्य एवं सतपुड़ा पर्वत पर खड़े होकर मां की आरती उतार रहे हों। इसके साथ ही रात्रि में यहां भजन संध्या भी आयोजित होगी।