एक साल से अटका भूअर्जन का मामला, दो घंटे में निपटा

भोपाल में कलेक्टर के पास पहुंचे थे बुजुर्ग
फटकार के बाद ट्रांसफर किए 50.40 लाख
भोपाल। भोपाल में मंगलवार को भूअर्जन के एक मामले को कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने दो घंटे में ही निपटा दिया। 80 वर्षीय बुजुर्ग कलेक्टर के पास मुआवजा राशि के संबंध में पहुंचे थे। कलेक्टर ने तुरंत संबंधित अफसरों को तलब किया और 50.40 लाख रुपए की राशि ट्रांसफर करवा दी। यह मामला बाग मुगालिया निवासी 80 वर्षीय श्याम बोहरे का था। एक साल पहले उन्होंने बोहरे के पक्ष में भूअर्जन और मुआवजा राशि का आदेश जारी किया था। मंगलवार को वे जनसुनवाई में कलेक्टर के पास पहुंचे थे। कलेक्टर ने राजधानी परियोजना (पीडब्ल्यूडी) के कार्यपालन यंत्री, एसडीओ और पंजीयन विभाग के सब रजिस्ट्रार को तत्काल तलब किया। इस मामले में कलेक्टर कोर्ट से पहले आदेश जारी हो चुके थे। कलेक्टर ने अफसरों से पूछा कि, मेरे आदेश पर अमल क्यों नहीं हुआ? बुजुर्ग को यहां तक क्यों आना पड़ा? इसके बाद अफसर हरकत में आए और दोपहर में रजिस्ट्री कराई गई। वहीं, शाम को जिला प्रशासन ने बुजुर्ग के खाते में 50.40 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए।
यह था मामला
राजधानी परियोजना (पीडब्ल्यूडी) ने कुछ लोगों की जमीन पर आशिमा माल से कटारा हिल्स तक 80 फीट सड़क बनाई थी। इस मामले में सात लोग कोर्ट चल गए। कोर्ट ने राजधानी परियोजना को जमीन अधिग्रहित कर मुआवजा राशि देने के आदेश दिए थे।
संबंधित लोगों से कहा था कि राजधानी परियोजना के पक्ष में रजिस्ट्री कराएं। इसके एवज में प्रशासन उनके खाते में राशि ट्रांसफर करेगा। करीब एक साल पहले कलेक्टर सिंह ने ही मुआवजा का आदेश दिया था। छह किसानों की जमीन की रजिस्ट्री होने के बाद उन्हें राशि मिल गई, लेकिन नरोन्हा प्रशासन अकादमी में लोक प्रशासन के फैकल्टी मेंबर रहे श्याम बोहरे अपनी जमीन की रजिस्ट्री और मुआवजा के लिए पीडब्ल्यूडी दफ्तर के 6 माह से चक्कर लगा रहे थे।