भोपाल, सबकी खबर। 
मध्य प्रदेश में सीधी भर्ती की आईएएस  अधिकारी जिनकी नौकरी को मात्र 4 साल हुए  हैं। यानी यह 2021 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और इन पर भ्रष्टाचार के बेहद गंभीर  आरोप लग रहे हैं। नाम है अर्चना कुमारी और  इनकी पोस्टिंग इस समय है शाजापुर जिले के शुजालपुर में एसडीएम के पद पर हुई है लेकिन इनके भ्रष्टाचार की कहानी काफी लंबी है। ईओ ब्ल्यू में यह भ्रष्टाचार की  शिकायत की गई है। इस शिकायत की खास बात तो यह है कि यही शिकायत सीधे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के  पास भी पहुंची है और मोहन यादव ने भ्रष्टाचार की जांच के आदेश दे दिए हैं और आदेश दिया है शाजापुर कलेक्टर रिजू  बाफना को शाजापुर  कलेक्टर रिजू बापना ने बाकायदा इनके  भ्रष्टाचार की जांच शुरू कर दी है। लेकिन सोचने वाली बात तो यह है कि मध्य प्रदेश में यह इतिहास  रहा है कि जो सीधी भर्ती के आईएएस आते हैं  ईमानदार रहते हैं। लंबे समय तक उन पर कोई  दाग नहीं लगता। अधिकांश पर दाग नहीं लगता  था। लेकिन अब यह क्या हो रहा है कि आईएएस  अधिकारी नौकरी में आए और वे तमाम आरोपों  में घिर जाते हैं और यह अर्चना कुमारी को  तो नौकरी के अभी केवल 4 साल हुए हैं। बताते हैं इनका विवाह कोई आईएफएस ऑफिसर से  हुआ है। दरअसल  अर्चना कुमार अर्चना कुमारी जो हैं इन्होंने जो शुजालपुर तहसील का एक स्थान  है काला पीपल। काला पीपल के लगभग 30 बिल्डरों को इन्होंने नोटिस जारी किए। अब  यह जो नोटिस दिया है वह नगर पालिका विकास नियम 2021 की धारा 339 दो के  तहत जो अधिकार मिले हैं उसके तहत यह नोटिस  दिए गए बाद में दो  बिल्डर के खिलाफ तो एफआईआर करा दी गई और  28 बिल्डरों के मामले में इन्होंने आदेश जारी कर दिए। किसी पर 5000 जुर्माना लगाया, किसी पर 7000 जुर्माना लगाया, किसी  पे 10,000 लगाया। अब जो शिकायत की है, यह शिकायतकर्ता हैं कोई मोहित और पिता का नाम  है राम भरोस जाट। ये रहने वाले मगरानिया तहसील शुजालपुर के रहने वाले हैं। इन्होंने  मुख्यमंत्री से शिकायत में यह कहा है कि  यदि आपने 30 बिल्डरों को नोटिस दिया है। बिल्डरों ने अवैध प्लाटिंग की है। रेरा की अनुमति नहीं ली। विकास की परमिशन नहीं ली उन्होंने और उन्होंने तमाम सारे अनिमितताएं की है। तो कार्रवाई  एफआईआर दो के खिलाफ क्यों हुई है? बाकी  लोगों से क्या पैसे लेके छोड़ दिया?  क्योंकि इसमें कहा है कि करोड़ों रुपए का  भ्रष्टाचार हुआ है। इसमें बिल्डर से 28 बिल्डरों को डराकर दो पे एफआईआर कराई। 28  डर गए और वह पैसा दे गए। यह आरोप इस पर  लगाया गया है। बड़ी बात यह है कि  मुख्यमंत्री ने इसमें शिकायत में जांच  के आदेश दे दिए हैं। शिकायत में यह भी कहा गया है कि  इसमें रेरा की फीस, टीएंडसीपी की फीस,  विकास शुल्क, एमपीईबी का  एस्टीमेट और सर्विस शुल्क, आयकर, जीएसटी  ये तमाम सारी चीजों को जोड़ दिया जाए तो  यह जो 28 बिल्डर हैं जिन पर फाइन लगा  के छोड़ दिया है। इन्होंने तो करोड़ों का नुकसान किया है। फिर इन्हें छोड़ा क्यों?  और दो पर भी एफआईआर क्यों कराई? केवल दो  बिल्डर्स पे जिन दो बिल्डरों पे एफआईआर कराई गई है उइसमें यह बताया गया है कि एक है धर्मेंद्र पिता अजयब सिंह इन पर एफआईआर  करा दी है और दूसरे हैं शुभम भारती पिता अशोक भारती। तो दो बिल्डरों से क्या  दुश्मनी थी और 28 से क्या प्रेम था। यह  मामला अब आ गया है। अब रिजू बापना इस मामले में क्या कारवाई करती हैं यह तो वक्त ही बताएगा।