जीआईएस में आए मेहमानों को मिला महाकाल का प्रसाद

- स्क्रीन पर दिखाई प्रदेश की विरासत
- वर्चुअल रियलिटी के जरिए ओरछा-सांची की सैर
भोपाल। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले दिन मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड का पवेलियन आकर्षण का केंद्र बना रहा। प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल, प्राचीन मंदिर, राजसी ठाठ, किले और लुभावने प्राकृतिक स्थलों को नवीन तकनीक और इंटरेक्टिव पैनल के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। यहां डेलीगेट्स को होलोग्राम के जरिए महाकाल के सजीव दर्शन कराए गए। वहीं, उज्जैन से मंगाया बाबा महाकाल का प्रसाद भी दिया गया। इसके अलावा, साइक्लिंग करते हुए वर्चुअल रियलिटी के ज़रिए ओरछा, खजुराहो और सांची स्तूप के साथ वन्य जीवन का अनुभव कराया गया।
सेल्फी भी ले रहे मेहमान
पवेलियन में वेलनेस टूरिज्म को प्रदर्शित करते हुए साउंड हीलिंग तकनीक का विशेष जोन बनाया गया है। प्रदेश के पारंपरिक हस्तशिल्प बाग प्रिंट के लाइव काउंटर पर डेलीगेट्स को बाग प्रिंट के बारे में करीब से जानने का मौका मिला। कई डेलीगेट्स ने साड़ी, स्टोल जैसे उत्पाद भी खरीदे। जीआईएस के पलों को यादगार बनाने के लिए मोगली सेल्फी पॉइंट स्थापित किया गया है। जिसमें डेलीगेट्स जंगल बुक के कैरेक्टर मोगली, बघीरा, चीता और बाघ के साथ सेल्फी भी ले रहे हैं।
मेहमानों को पूरा एमपी दिखाया
मंत्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने कहा कि जीआईएस में आए मेहमानों को मप्र के ऐतिहासिक, प्राकृतिक, सांस्कृतिक स्थलों से अवगत कराने के उद्देश्य से आधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है। वर्चुअल अनुभव से न केवल राज्य की विरासत को व्यापक स्तर पर प्रचार मिला, बल्कि डेलिगेट्स के बीच हमारे पर्यटन स्थलों के प्रति आकर्षण भी बढ़ा है। पवेलियन में होलोग्राम के जरिए महाकाल के दर्शन और ओरछा के वर्चुअल टूर को सराहा गया। पवेलियन में पधारने वाले निवेशकों और डेलीगेट्स को प्रदेश में पर्यटन परियोजनाओं में निवेश के अवसर और नवीन पर्यटन नीति के प्रावधानों से अवगत कराया जा रहा है।
डेलीगेट्स के लिए उज्जैन और सांची बने पहली पसंद
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आए देश-विदेश के प्रतिनिधियों के लिए मध्यप्रदेश पर्यटन ने विशेष यात्रा टूर प्लान किया है। डेलीगेट्स ने उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के साथ ही, सांची के बौद्ध स्तूप, भोजपुर के शिव मंदिर और भीमबैठका की ऐतिहासिक गुफाओं में रुचि दिखाई है। पर्यटन ग्राम खारी को भी डेलीगेट्स द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है। डेलीगेट्स ग्रामीण जीवनशैली और स्थानीय संस्कृति का अनुभव ले रहे हैं।