भोपाल, सबकी खबर। 
शुक्रवार को भोपाल में ईओडब्ल्यू ने एक एफआईआर की है। एफआईआर हुई है सहारा के जो पदाधिकारी  हैं उनके खिलाफ लेकिन पेट में दर्द हुआ  है। कटनी में जो भारतीय जनता पार्टी का  आईटी सेल है उसके संयोजक सचिन तिवारी थे। सचिन तिवारी जी ने शुक्रवार को एक पूरी लंबी चौड़ी  पोस्ट लिखी है। उसमें उन्होंने पत्रकारों को पत्तलकार बताया है। उन्होंने तमाम सारे  आरोप लगाए हैं। और यह कहा है कि संजय पाठक  के परिवार ने जो जमीनें खरीदी हैं वो  बिल्कुल नियमानुसार है। लेकिन शायद तिवारी को यह नही पता होगा कि जेा एफआईआर सहारा इंडिया के पदाधिकारियों के खिलाफ हुई है तो पेट में दर्द सचिन तिवारी  के क्यों हो रहा है? दरअसल पेट दर्द का कारण ये यह है कि ओनेपौने दांव पर जमीनें  खरीदी गई हैं। 1000 करोड़ की जमीनें जो 80  करोड़ में खरीदी गई हैं। उसमें सचिन  तिवारी की क्या भूमिका है? भारतीय जनता  पार्टी के इस जिला संयोजक की क्या भूमिका  है? इसका खुलासा भी कर ही देत है। दरअसल जिस कंपनी ने जमीन खरीदी है, उसमें  एक कंपनी है न्यासा देव बिल्ड प्राइवेट  लिमिटेड और इसमें जो डायरेक्टर हैं, दो  डायरेक्टर हैं इसमें। पहले डायरेक्टर हैं  वैभव गर्ग और दूसरे हैं सचिन तिवारी जिनके  पेट में दर्द उठा है। वैभव गर्ग संजय पाठक  जी के सगे बुआ के बेटे हैं और सचिन तिवारी  संजय पाठक का कोई रिश्तेदार है दूर का। अब सचिन तिवारी जी मीडिया समझ गई कि आप क्यों परेशान हैं। रही बात सबकी खबर के प्रोग्राम की और खबरों की तो सबकी खबर ने हर प्रोग्राम में कहा है जो भी कहा हैं लिखा हैं वह तथ्यों और साक्ष्ज्ञों के आधार प​र ही लिखा गया है। संजय पाठक जी यदि आपको सबकी खबर की खबरें और विश्वसीनयता पर आपत्ति है तो आप हमें अपना वीडियो  बना के भेज दीजिए। आप अपना यहां आकर अपना बयान देना चाहे तो आपका  स्वागत है। तो आखिर क्या समझते हैं आप?  कह देना बहुत आसान है कि पत्रकार, पत्तलकार, फलाना। लेकिन आप बताइए ना यह जो  दस्तावेज जो हमारे पास मौजूद हैं तो क्या भारतीय जनता पार्टी का आईटी सेल का संयोजक  सचिन तिवारी इस कंपनी में नहीं है जिसने जमीन खरीदी है और फिर पेट में  दर्द क्यों हो रहा है भैया ​सचिन जी आपके । 
हजारों गरीबों को पैसा डकार कर ज्ञान दे रहा हैं भाजपा आईटी सेल का तिवारी 
धोखाधड़ी कर रहे हैं हजारों लाखों लोगों  की बद्दुआएं तो आपको लगेंगी जिनका पैसा यह  सहारा में लगा हुआ था हजार करोड़ की जमीन  तो आप लोगों ने खरीदी 90 करोड़ में आरोप  पत्रकारों पे लगा रहे हो लगाइए आपको  अधिकार है हमें कोई फर्क नहीं पड़ रहा है  लेकिन आज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन  यादव जिनके निर्देश पर आदेश पर यह एफआईआर  हुई है। उन्हें भी देखना चाहिए कि उनका  आईटी सेल का संयोजक क्या कर रहा है। मध्य  प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के जो प्रदेश  अध्यक्ष हैं हेमंत खंडेलवाल जी मैं  उन्हें भी देखना चाहिए कि उनका आईटी सेल का संयोजक  क्या कर रहा है और किस तरह के ट्वीट कर  रहा है। यदि आपको आईटी सेल का संयोजक  बनाया है तो भारतीय जनता पार्टी का प्रचार प्रसार करिए और आप में हिम्मत है तो लिखिए  मुख्यमंत्री जी के खिलाफ जिनके आदेश पे ये  एफआईआर हुई है। है हिम्मत आप में तब तो आप  भीगी बिल्ली बन जाओगे। दुम नीचे कर लोगे आप। तिवारी आपको इतना भी ज्ञान नहीं कि यह कार्रवाई आपकी सरकार ने की है। संजय पाठक जी सारी खदानों की जांच किसने की है? एक्सेस माइनिंग की हमने तो नहीं की क्या मुख्यमंत्री जी के निर्देश और आपके  खनिज विभाग ने किए आपकी सरकार ने की है  540 करोड़ का फाइन लगा दिया उसमें भी  भुनभुनाए घूम रहे हो आप और अब एफआईआर भी  मुख्यमंत्री के निर्देश पे हुई है हमारे  निर्देश पे नहीं हुई यह मुख्यमंत्री के निर्देश पे हुई है वहां क्यों नहीं हिम्मत पड़ रही आपकी क्यों घबराए हुए हो आप  इस्तीफा दे दो भारतीय जनता पार्टी के आईटी  सेल से और आ जाओ मुख्यमंत्री के खिलाफ खुल  के सामने वो वो नहीं आओगे आप। आपको पता है  कि एक और एफआईआर होगी और सीधे जेल जाओगे।  सिर्फ आप पत्रकारों को घर आ सकते हो। गरीब  पत्रकार वो रवि गुप्ता जो वहां के कटनी के उनको बंद करके पीट सकते हो। उसके आगे आप कुछ भी नहीं कर सकते हो अगर हमारे तथ्यों में और साक्ष्यों में गडबडी हैं तो खुलकर सामने आओ तिवारी।