• नवनीत गुर्जर ने कहा- बड़ी खबरें अब भी नहीं दबाई जातीं
  • पत्रकारिता में बरकरार है ईमानदारी

भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (एमसीयू) के पत्रकारिता विभाग में संपादक से संवाद कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस श्रृंखला के पहले कार्यक्रम में वरिष्ठ संपादक नवनीत गुर्जर ने विद्यार्थियों से संवाद किया। गुर्जर ने राष्ट्रीय बनाम क्षेत्रीय पत्रकारिता : परिदृश्य और संभावनाएं विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि पहले जब पत्रकारिता एक मिशन के रूप में की जाती थी, तब इसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता था। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में भी पत्रकारिता में ईमानदारी बनी हुई है और महत्वपूर्ण समाचारों को दबाया नहीं जाता। मीडिया के तीनों ही स्वरूप को लेकर एक प्रश्न के उत्तर में गुर्जर ने कहा कि आज भी प्रिंट मीडिया को लेकर पाठकों के मन में अधिक विश्वास है। डिजिटल में समाचार को बदला और हटाया जा सकता है लेकिन समाचारपत्र में जो छप गया, उसमें सुधार संभव नहीं। इसलिए प्रिंट की पत्रकारिता अधिक गंभीरता और सजगता से की जाती है। उन्होंने कहा कि प्रिंट के समाचारों पर पाठकों की प्रतिक्रियाएं भी अधिक आती हैं। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से अधिक लंबी आयु डिजिटल मीडिया की है। हालांकि, अभी डिजिटल मीडिया का कोई व्यवस्थित रेवेन्यू मॉडल नहीं है। कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष डॉ. संजीव गुप्ता ने भी पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं पर अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। यह कार्यक्रम विद्यार्थियों को पत्रकारिता के क्षेत्र में वर्तमान परिस्थितियों और भविष्य की संभावनाओं से अवगत कराने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार एवं मीडिया गुरु शिवकुमार विवेक ने किया । इस अवसर पर विभाग के शिक्षक डॉ. रंजन सिंह, डॉ. सतेंद्र डहेरिया और लोकेन्द्र सिंह सहित अन्य जन उपस्थित रहे।
विद्यार्थी उद्यांश पांडेय का सम्मान
इस अवसर पर मध्यप्रदेश राज्य स्तरीय अंतर विश्वविद्यालय युवा उत्सव 'युवान' की वाद-विवाद प्रतियोगिया में उद्यांश पांडेय को द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर सम्मानित किया गया।