• वर्तमान की मांग और भावी संभावनाओं पर कार्ययोजना तैयार करें

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में अपने सीमित दायरे से बाहर निकलें। वर्तमान की मांग और भविष्य की संभावनाओं पर कार्ययोजना तैयार करें। राज्यपाल और कुलाधिपति मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बुधवार को राजभवन में आयोजित शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलगुरुओं की बैठक में शामिल हुए। राज्यपाल पटेल ने बैठक में कहा कि विश्वविद्यालय की व्यवस्थाओं में उच्च गुणवत्ता को लक्ष्य बनाए। लक्ष्य और प्राप्ति के प्रयासों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में विश्वविद्यालयों को पर्याप्त स्वायत्ता दी गई है। जरूरी है कि कुलगुरु अपनी क्षमताओं, विश्वविद्यालय के संसाधनों और आस-पास के परिवेश के अनुसार विकास की संभावनाओं की पहचान करें। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में अपने सीमित दायरे से बाहर निकलें। वर्तमान की मांग और भविष्य की संभावनाओं पर कार्ययोजना तैयार करें। 
पालक के दृष्टिकोण से करें देखभाल
राज्यपाल पटेल ने कुलगुरुओं से कहा है कि विद्यार्थी कल्याण के विषयों के प्रति संवेदनशील रहें। अभिभावक अपने बच्चे सरकार के भरोसे पर शासकीय विश्वविद्यालयों में भेजते हैं। उनकी देख-भाल पालक के दृष्टिकोण के साथ की जाए। उन्होंने कहा कि कुलगुरु नियमित आधार पर छात्रावास, मेस, खेल सुविधाओं और कक्षाओं का नियमित निरीक्षण भी करें। विश्वविद्यालय क्षेत्रीय स्तर पर रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने वाले पाठ्यक्रमों पर फोकस करें। डिग्री, डिप्लोमा के साथ ही मांग आधारित पाठ्यक्रम भी शुरू किए जाएं। 
रोजगार आधारित कोर्स का बनाएं प्लान
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सभी विश्वविद्यालय बहु विषयक आत्मनिर्भर विश्वविद्यालय बनें। परंपरागत विषयों के साथ ही मांग आधारित और रोजगार की उच्च संभावनाओं वाले कोर्स प्रारंभ करने के विशेष प्रयास करें। विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रदान स्वायत्तता के आधार पर व्यवस्थाओं को सुचारू बनाएं। विद्यार्थियों को प्रवेश की सुविधा, उत्कृष्ट शिक्षा, समय पर परीक्षा और तत्काल परिणाम घोषणा के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाए। परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के ऑनलाइन मूल्यांकन की व्यवस्था को बढ़ावा दें। इसी तरह प्रवेश के समय ही अंकसूची और डिग्री वितरण के लिए आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा किया जाए, जिससे विद्यार्थियों के डीजी लॉकर में उनकी त्वरित उपलब्धता सुनिश्चित हो।
डिजिटल वैल्यूएशन विद्यार्थी हित में 
बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि परीक्षाओं का प्रभावी, पारदर्शी और निष्पक्ष संचालन जरूरी है। डिजिटल वैल्यूएशन विद्यार्थी हितों के अनुकूल है। विश्वविद्यालय परीक्षा मूल्यांकन संबंधी कार्यों में आधुनिक तकनीक का बेहतर इस्तेमाल करें। समय पर परीक्षा परिणाम तैयार करने के लिए डिजिटल वैल्यूएशन प्रणाली की संभावनाओं को तलाशा जाए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में राशियों के जमा करने की व्यवस्था का भी परीक्षण करें। विश्वविद्यालय के विकास में राशि के उपयोग और निवेश के संबंध में भी कार्यवाही की जाना चाहिए।