• जस्टिस माहेश्वरी ने उठाया पब्लिक प्रोसिक्यूटर की कमी का मुद्दा
  • कहा- इसे ठीक करना सरकार की जिम्मेदारी

भोपाल। सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारियों के आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेके माहेश्वरी। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी मौजूद रहे। सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारियों के आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधिपति जेके माहेश्वरी ने कहा है कि न्याय एक दर्शन है, एक संकल्प है जो केवल कानून की किताबों में नहीं हमारी आत्मा में बसना चाहिए। इसी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि सरकार और ज्युडिशियरी के साहस से इस समय न्यायपूर्ण फैसले लेने और उसे लागू करने का काम किया जा रहा है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जस्टिस माहेश्वरी ने कहा कि यहां प्रशिक्षण लेने के लिए आए नव नियुक्त अधिकारी न्याय के लिए ट्रेनिंग का उपयोग किस तरह से करेंगे जिससे मुख्यमंत्री और चीफ जस्टिस यशस्वी हों। विक्रमादित्य का नाम न्याय प्रशासन के लिए प्रसिद्ध है और हमें न्याय के लिए काम करना होगा। भोपाल में आयोजित नवनियुक्त सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारियों का आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम में जस्टिस माहेश्वरी ने ये बातें कहीं।
जस्टिस माहेश्वरी ने सरकार को आईना दिखाया
जस्टिस माहेश्वरी ने सरकार को आईना दिखाते हुए कहा कि सिंगरौली में 6978 केस पर एक पब्लिक प्रोसिक्यूटर है। रीवा में 5186 और राजगढ़ में भी यही स्थिति है। यहां भी एक पब्लिक प्रोसिक्यूटर है। यह मिस्टेक आफ फैक्ट्स है। जिसे ठीक करना एसीएस जेएन कंसोटिया और सरकार की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि लोक अभियोजन अधिकारी की जिम्मेदारी है कि वह धर्म की रक्षा के लिए काम करे और जरूरतमंद को न्याय दिलाए। धर्मो रक्षति रक्षत: की नीति पर काम करके न्याय दिला सकते हैं। आपसी तालमेल और लीगल इश्यू में कहीं न कहीं कमी है।
जस्टिस माहेश्वरी ने आगर मालवा में जजों और लोक अभियोजन अधिकारियों का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि लीगल नालेज और प्रेक्टिकल स्किल भी लोक अभियोजना अधिकारियों में होना चाहिए। 2011 में कम्प्यूटर मिल गए थे। ई कोर्ट की बात होती है, लैपटॉप सबके पास है। ई कोर्ट्स के लिए कितना उपयुक्त करना है, यह फैसला एसीएस होम, सरकार को करना है। एडवोकेट्स और पब्लिक प्रोसिक्यूटर्स के बैठने के लिए भी जगह की कमी उन्होंने यहां रहने के दौरान देखी है।
चीफ जस्टिस और चीफ मिनिस्टर को उस तरफ ध्यान देना होगा। इनके लिए लाइब्रेरी भी होना चाहिए। इस कार्यक्रम में चीफ जस्टिस सुरेश कैत, हाईकोर्ट के न्यायाधीश विवेक अग्रवाल भी मौजूद रहे।
ज्युडिशियरी के फैसलों को लागू करने में सरकार पीछे नहीं- सीएम
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सरकार और ज्युडिशियरी का तालमेल पीएम नरेंद्र मोदी के शासन में साफ दिखाई दे रहा है। राम मंदिर के फैसले को लागू करने का मामला हो या कोर्ट के कोई अन्य फैसले लागू कराने का काम हो, सरकार न्यायालय के आदेश पर अमल करती रही है। मोदी शासन के पहले ऐसी स्थिति कई बार नहीं बनती थी।
सीएम ने फिल्म शोले का उदाहरण देते हुए कहा कि शोले पिक्चर में शोले कहां है? यह समझने की बात है। फिल्म में ठाकुर के सीने में जो शोला है, वास्तव में ही वही शोला है। इसके बाद ठाकुर ने गब्बर के खात्मे के लिए काम शुरू किया।