अवाडा ग्रुप करेगा 50 हजार करोड़ का निवेश
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सीएम बोले- भव्य होगा जीआईएस का आयोजन
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जीआईएस का कर्टन रेजर केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह संभावनाओं से भरपूर, सशक्त और समृद्ध मध्य प्रदेश की झलक है। अवाडा ग्रुप प्रदेश में 50 हजार करोड़ का निवेश करेगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राजधानी दिल्ली में इंवेस्ट एमपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (जीआईएस)-2025 का कर्टेन रेजर आयोजित किया। बुधवार को ताज महल होटल में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने उद्योगपतियों-निवेशकों से वन-टू-वन चर्चा की। सीएम डॉ. यादव ने देश-विदेश के निवेशकों को जीआईएस में शामिल होने और मध्य प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीआईएस का कर्टन रेजर केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह संभावनाओं से भरपूर, सशक्त और समृद्ध मध्य प्रदेश की झलक है। हम निवेशकों के साथ एक मजबूत साझेदारी बनाकर मध्य प्रदेश को नवाचार और औद्योगिक क्रांति का केंद्र बनाने की दिशा में निरंतर कार्यरत रहेंगे। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि मध्य प्रदेश भी इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए एक इंडस्ट्री रेडी स्टेट बन रहा है। आयोजन में 400 से अधिक प्रतिभागियों ने भागदीदारी की, जिसमें नई दिल्ली एवं आसपास के क्षेत्रों के निवेशकों ने सहभागिता की। 40 देशों के राजनयिक और व्यापारिक प्रतिनिध, राजदूत, उ'चायुक्त, काउंसलर, प्रथम सचिव आर्थिक व व्यापारिक विशेषज्ञ शामिल हुए।
दो राउंड टेबल बैठकें हुईं
पहली राउंड टेबल प्रमुख दूरसंचार कंपनियों के साथ हुई। इसमें दूरसंचार कंपनियों के साथ इंटरेक्टिव राउंड टेबल का आयोजन किया गया, जिसमें भारत में दूरसंचार के भविष्य और मध्य प्रदेश में निवेश के अवसरों पर चर्चा हुई। इसमें दूरसंचार मंत्रालय, डिक्सन टेक्नोलॉजीज, रिलायंस जियो, एरिक्शन और नोकिया समेत प्रमुख उद्योग विशेषज्ञों ने भाग लिया। इसमें 5-जी, मेक इन इंडिया, दूरसंचार उपकरण निर्माण और कौशल विकास जैसे विषयों पर जोर दिया गया। राउंड टेबल चर्चा के दौरान ग्वालियर के पास प्रस्तावित टेलीकॉम पार्क, सरकारी सब्सिडी और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए नीतिगत सुधारों पर चर्चा हुई। दूसरी राउंड टेबल प्रमुख राजदूतों और राजनयिकों के साथ आयोजित की गई। इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों को मध्य प्रदेश में उपलब्ध निवेश अवसरों से अवगत कराना था। बैठक में 40 देशों के 51 राजनयिक और व्यापारिक प्रतिनिधि शामिल हुए। इनमें 1& राजदूत, 4 उ'चायुक्त, 5 चार्ज द अफेयर, & डिप्टी हेड्स, 6 काउंसलर, 4 प्रथम सचिव, 2 द्वितीय सचिव और 5 आर्थिक व व्यापारिक विशेषज्ञ शामिल थे। यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी और जापान जैसे विकसित राष्ट्र पार्टनर कंट्री के रूप में समिट में शामिल हो रहे है।
एमपी में निवेश के लिए सब कुछ
कार्यक्रम की शुरुआत सीआईआई के चेयरमैन (नॉर्दर्न रीजन) और जेके सीमेंट के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर-सीईओ माधवकृष्ण सिंघानिया के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने ईज ऑफ डुइंग पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने पन्ना, उÓजैन, बुंदेलखंड में निवेश किया है। साथ ही शहडोल एवं सिंगरौली में भी कोल ब्लॉक लिए हैं। कुल सात हजार करोड़ का निवेश प्रस्तावित है, जिससे लगभग 10 हजार प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्रदान होंगे।
हजारों युवाओं को रोजगार देंगे : विनीत मित्तल
अवाडा ग्रुप के चेयरमैन विनीत मित्तल ने कहा कि हमने प्रदेश में नवीनीकरण ऊर्जा के क्षेत्र में 50 हजार करोड़ का निवेश तय किया है। हम भारत सरकार के प्रोजेक्ट को भी प्रदेश में ला रहे हैं। हम हजारों युवाओं को रोजगार देने जा रहे हैं। प्रदेश में ईज ऑफ डुइंग है। यहां आने वाली समस्याओं-चुनौतियों का जल्द समाधान होता है। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जुनुनी हैं। वे प्रदेश के विकास के लिए हर तरह का प्रयास कर रहे हैं। वे उद्योगपतियों के सुझावों को तत्काल लागू भी कर देते हैं। प्रदेश में ग्रीन पावर की पूरी क्षमता है।
प्रदेश में हर सेक्टर के लिए बहुत कुछ : सीएस
कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव राÓय के विकास के लिए लगातार काम कर रहे हैं। राÓय सरकार ने 7 रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित की हैं। इससे प्रदेश को करीब साढ़े तीन लाख करोड़ का निवेश भी मिला है। भोपाल खूबसूरत शहर है। यहां निवेशक जीआईएस के साथ-साथ आप प्रकृति का आनंद भी उठाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पास ऊर्जा का भंडार है। प्रदेश सोलर एनर्जी के हब की तरह है। मध्य प्रदेश में पानी की कोई कमी नहीं है। यहां निवेशकों के लिए जबरदस्त कानून व्यवस्था है। प्रदेश शांत राÓय है। यहां निवेशकों को लेबर भी सस्ती मिल जाती है, जो मध्यप्रदेश आता है, वो यहीं का हो जाता है। राÓय सरकार ने हर सेक्टर के लिए पॉलिसी बनाई है। प्रदेश में कंपनी एक ही दिन में रजिस्टर हो जाती है। इसकी तारीफ जर्मनी भी कर चुका है। नई पॉलिसी के तहत अब निवेशकों को &0 की जगह 10 अनुमतियां ही लेनी होंगी। बता दें, जीआईएस का आयोजन 24-25 फरवरी को भोपाल में होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 फरवरी को इस वैश्विक सम्मेलन का शुभारंभ करेंगे। समिट के दूसरे दिन समापन कार्यक्रम में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह शामिल होंगे। समिट में 40 से अधिक देशों के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। समिट में शहरी विकास से लेकर आईटी तक, रिन्यूएबल एनर्जी से लेकर टूरिÓम तक हर सेक्टर पर फोकस्ड सेशन्स होंगे।
40 देशों के प्रतिनिधियों समेत 400 लोग शामिल हुए
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि आयोजन में 400 से अधिक प्रतिभागियों ने भागीदारी की जिसमें नई दिल्ली एवं आसपास के क्षेत्रों के निवेशक शामिल हुए। साथ ही 40 देशों के राजनयिक और व्यापारिक प्रतिनिधि, राजदूत, उ'चायुक्त, काउंसलर, मुख्य सचिव आर्थिक व व्यापारिक विशेषज्ञ आदि शामिल हुए।
15 उद्योगपतियों से वन-टू-वन
आयोजन में 15 से अधिक प्रमुख उद्योगपतियों से वन-टू-वन मीटिंग की गई, जिसमें से जागृत कोटेचा (सीईओ, पेप्सिको भारत और दक्षिण एशिया), पुनित डालमिया (चेयरमैन, डालमिया भारत), माधवकृष्ण सिंघानिया (जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर एवं सीईओ, जेके सीमेंट), विनीत मित्तल (चेयरमैन, अवॉडा ग्रुप), जीन-मार्क लेक्लरक्यू (सीईओ, सॉफलेट माल्ट), रिकांत पिट्टी (संस्थापक, ईज माय ट्रिप), विनय व्यास (सीईओ, फ्यूजन एक्स एनर्जी), अनिल चालमालासेटी (ग्रुप सीईओ और एमडी, ग्रीनको ग्रुप), विनीत आर्य (वाइस चेयरमैन, जेबीएम समूह), राहुल मित्तल और अनुसूया रे (वाइस प्रेसिडेंट कॉर्पोरेट अफेयर्स, ऐबी-इनवेव इंडिया) शामिल थे।