• अयोध्या, मथुरा, नैमिष, चित्रकूट सब योगी की प्राथमिकता में

लखनऊ। प्रदेश सरकार ने राज्य में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं का एलान किया है। इसके तहत मथुरा-वृन्दावन कारीडोर के निर्माण के लिए भूमि क्रय के लिए 100 करोड़ रुपये तथा निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री योगी सरकार के नेतृत्व में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 2025-26 के पेश किए गए बजट में पर्यटन में उत्तर प्रदेश की ऊंचाइयों से सदन को अवगत कराया। साथ ही धर्मार्थ कार्यों को लेकर सरकार की योजनाओं से अवगत कराया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि जनवरी 2024 से दिसम्बर 2024 के बीच उत्तर प्रदेश में कुल 65 करोड़ से अधिक पर्यटक आये। इनमें विदेशी पर्यटकों की संख्या 14 लाख है। 
मुख्यमंत्री पर्यटन स्थलों के विकास योजना के लिए 400 करोड़ 
वित्त मंत्री ने सदन को बताया कि मुख्यमंत्री पर्यटन स्थलों के विकास योजना के लिये 400 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं। अयोध्या क्षेत्र में पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिये 150 करोड़ रुपये, मथुरा में पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए 125 करोड़ रुपये तथा नैमिषारण्य में पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। खन्ना ने बताया कि प्रदेश के प्रमुख राज्य/ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पर्यटकों की सुविधा के लिए वे-साईड एमेनिटीज के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। वहीं चित्रकूट क्षेत्र में पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
धर्मार्थ कार्य के लिए सतत प्रयत्नशील है योगी सरकार 
धर्मार्थ कार्यों के लिए सतत प्रयत्नशील योगी सरकार ने श्री बांके बिहारी जी महाराज मन्दिर मथुरा-वृन्दावन कारीडोर के निर्माण हेतु भूमि क्रय के लिये 100 करोड़ रुपये तथा निर्माण हेतु 50 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान प्रस्तावित किया है। जनपद मीरजापुर के त्रिकोणीय क्षेत्र में माँ विन्ध्यवासिनी मन्दिर, माँ अष्टभुजा मन्दिर, माँ काली खोह मन्दिर के परिक्रमा पथ एवं जनसुविधा स्थलों को विकसित किये जाने के लिए भूमि क्रय हेतु 100 करोड़ रुपये तथा वृहद निर्माण हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
नैमिषारण्य में वेद विज्ञान केन्द्र की स्थापना हेतु 100 करोड़ रुपये 
सुरेश खन्ना ने बताया कि जनोपयोगी संरक्षित मंदिरों के जीर्णोद्धार/पुनर्निर्माण हेतु 30 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्तावित है। जनपद सीतापुर के नैमिषारण्य में वेद विज्ञान केन्द्र की स्थापना हेतु 100 करोड़ रुपये की धनराशि प्रस्तावित है।
खेल एवं युवा कल्याण के लिए की घोषणाएं
प्रदेश स्तर पर एक खेल विश्वविद्यालय का निर्माण जनपद मेरठ में किया जा रहा है जिसके लिये कुल 223 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। जनपद वाराणसी में पी0पी0पी0 मॉडल पर अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकट स्टेडियम का निर्माण तथा खेलो इण्डिया के अन्तर्गत वाराणसी के सिगरा स्टेडियम का व्यापक विकास कराया जा रहा है। प्रदेश में पहली बार भारत सरकार के सहयोग से एक जनपद एक खेल योजनान्तर्गत 72 जनपदों में खेलो इण्डिया सेन्टर संचालित किये जा रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2025-2026 में शेष 03 जनपदों में प्रशिक्षण के चयन आदि की कार्यवाही प्रस्तावित है।
वन एवं पर्यावरण के लिए किया गया एलान
वर्तमान में प्रदेश में वृक्षाच्छादन प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्र का 9.96 प्रतिशत हो गया है। उत्तर प्रदेश वनावरण व वृक्षाच्छादन में वृद्धि के मामले में पूरे देश में द्वितीय स्थान पर रहा है। वर्ष 2021-2022 से वर्ष 2024-2025 तक प्रदेश में कुल 138.98 करोड़ पौधों का रोपण किया गया।
वर्षाकाल-2025 में वृक्षारोपण हेतु 35 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य प्रस्तावित है। प्रदेश में वर्ष 2018 में बाघों की संख्या 173 से वर्ष 2022 में बढ़कर 205 हो गयी है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या दुगुनी होने के क्रम में उक्त टाइगर रिजर्व को टीएक्स 2 अवार्ड से सम्मानित किया गया है। जनपद गोरखपुर में कैम्पियर रेंज के अन्तर्गत रेड हेडेड गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केन्द्र देश का पहला गिद्ध प्रजनन केन्द्र स्थापित किया गया है। जनपद गोरखपुर में उत्तर प्रदेश वानिकी एवं औद्यानिक विश्वविद्यालय की स्थापना किये जाने की नई योजना प्रस्तावित की गई है, जिसके लिये लगभग 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
महिला एवं बाल विकास के लिए की ये घोषणाएं
निराश्रित महिला पेंशन योजनान्तर्गत पात्र लाभार्थियों को देय पेंशन के भुगतान हेतु 2980 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजनान्तर्गत 700 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। वाराणसी, मेरठ, प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर नगर, झांसी एवं आगरा में मुख्यमंत्री श्रमजीवी महिला छात्रावासों के निर्माण की नई योजना प्रस्तावित की गई है जिसके 170 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
कोविड के दौरान जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया है उनकी देखभाल और वित्तीय सहायता हेतु संचालित उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लिये 252 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। पुष्टाहार कार्यक्रम के अन्तर्गत समन्वित बाल विकास परियोजनाओं पर राज्य सरकार द्वारा दिये जाने वाले पोषाहार के लिये लगभग 4119 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिकाओं को अतिरिक्त मानदेय के भुगतान हेतु 971 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री सक्षम सुपोषण योजना हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।