• वादों के फूल खिलेंगे लेकिन जनता के सवालों के जवाब नहीं मिलेंगे

भोपाल। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा है कि पीएम मोदी कल MP आ रहे हैं, महिला सशक्तिकरण की बात कही जा रही है। वादों के फूल खिलेंगे लेकिन प्रदेश की जनता के सवालों के जवाब नहीं मिलेंगे। राजधानी भोपाल में देवी अहिल्याबाई होलकर के 300वीं जयंती पर 31 मई को महिला सशक्तिकरण को लेकर विशाल सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिरकत करेंगे। कार्यक्रम के एक दिन पहले शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सियासी हमला बोला है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा है कि पीएम मोदी कल MP आ रहे हैं, महिला सशक्तिकरण की बात कही जा रही है। वादों के फूल खिलेंगे लेकिन प्रदेश की जनता के सवालों के जवाब नहीं मिलेंगे।
नेता प्रतिपक्ष ने पूछे कई सवाल
1- स्वसहायता समूहों को आजीविका से नहीं जोड़ा गया है। आजीविका के लिए क्या योजना ला रहे हैं?
2-  लाड़ली बहनों को तीन हजार कब मिलेंगे?
3-  देश में महिला आरक्षण कब लागू होगा?   
4- हाईकोर्ट में सिर्फ 3 प्रतिशत महिला जज क्यों? 
5- मप्र पुलिस में 33 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी कब होगी?
6-  मेट्रो प्रोजेक्ट लेट होने से सरकार को यू करोड़ों का नुकसान हुआ, ये कर्ज कैसे चुकाया जाएगा, क्या मेट्रो टिकिट मंहगा होगा?
7- अच्छे दिन में मंहगाई क्यों बढ़ रही?
भोपाल में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा कब होगा  शुरू
नेता प्रतिपक्ष मान सिंगर ने कहा है कि मप्र के हवाई अड्डों पर क्षमता से कम पैसेंजर्स क्यों है। भोपाल में अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवा कब शुरू होगी। उन्होंने कहा कि आदिवासी, पिछड़ों, देवी अहिल्या की बात की जा रही है, लेकिन बजट कितना है यह नहीं पता है। केंद्रीय परियोजनाओं का पैसा कम क्यों आने लगा, क्या यही अच्छे दिन हैं कि मंहगाई बढ़ रही है, इन सबको लेकर स्थिति स्पष्ट की जाए।
विजय शाह को माफ करेंगे या सजा देंगे
नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि प्रदेश सरकार मंत्री विजय शाह ने जो अपमान किया है उसके लिए विजय शाह को माफ करेंगे या सजा देंगे स्थिति स्पष्ट की जाए। किसानों की आय दोगुना क्यों नहीं कर पाए, स्कूलों में शौचालय और पानी की व्यवस्था क्यों नहीं। पोर्टल से जानकारियां हटाई जा रही हैं। जानकारियां अपडेट क्यों नहीं हो रही हैं, आरटीआई को लेकर नीति स्पष्ट करना पड़ेगी। उज्ज्वला योजना के खाली सिलेंडर छतों पर क्यों रखे हुए हैं। लोकतंत्र की एजेंसियां स्वतंत्र रूप से काम कर सकें इसकी क्या योजना है?