IRCTC घोटाले में 23 जुलाई को फैसला,लालू यादव भी आरोपी

-
होटल के टेंडर में गड़बड़ी का आरोप; 7 साल तक की हो सकती सजा
पटना। IRCTC होटल घोटाले में 23 जुलाई को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। गुरुवार को दिल्ली की राउड एवेन्यू कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा है। CBI के एडिशनल डायरेक्टर, राकेश अस्थाना ने बताया था-'लालू यादव रेल मंत्री थे, तब रेलवे के पुरी और रांची स्थित BNR होटल को IRCTC को ट्रांसफर किया था। इन्हें रख-रखाव और इम्प्रूव करने के लिए लीज पर देने की प्लानिंग थी।' इसके लिए टेंडर विनय कोचर की कंपनी मेसर्स सुजाता होटल्स को दिए गए। टेंडर प्रॉसेस में हेर-फेर किया गया था। टेंडर की यह प्रॉसेस IRCTC के उस वक्त के MD पीके गोयल ने पूरी की। 17 जुलाई 2017 को CBI ने लालू समेत 5 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। इस सिलसिले में उनके 12 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी।
IRCTC मामले में हो सकती है 7 साल की सजा
इन धाराओं में तेजस्वी के लिए आगे काफी मुश्किल खड़ी हो सकती है। ट्रायल के दौरान अगर CBI पर्याप्त सबूत और गवाह प्रस्तुत कर देती है तो आरोपी को 7 साल तक की सजा हो सकती है। फिलहाल 2019 से वे इस मामले में जमानत पर चल रहे हैं। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने उन्हें और राबड़ी देवी को जमानत दे दी थी।
लालू परिवार को मिली 3 एकड़ जमीन
CBI के अनुसार, रेल मंत्री रहते लालू प्रसाद ने 2005-06 में कोचर बंधुओं को IRCTC के 2 होटल (रांची, पुरी) लीज पर दिलाए। इसके बदले पटना में 3 एकड़ जमीन ली। कोचर बंधुओं ने यह जमीन सरला गुप्ता की कंपनी को बेची। बाद में इस कंपनी का मालिकाना हक राबड़ी और तेजस्वी की कंपनी के पास आ गया। इसी जमीन पर बिहार का सबसे बड़ा मॉल बन रहा था।