पाकिस्तानी रक्षा मंत्री बोले- अब जंग होना तय, हमारे पास विकल्प नहीं बचा

-
IMF ने पाकिस्तान को ₹20 हजार करोड़ का पैकेज दिया
इस्लामाबाद। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने संसद में कहा कि पाकिस्तान की सेना भारत से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि भारत पाक की जंग अब तय है। उन्होंने एक टीवी इंटरव्यू में जंग होने के सवाल पर कहा कि इसके अलावा कोई और विकल्प नहीं है। वहीं, सेना के प्रवक्ता अहमद चौधरी ने आज कहा कि भारत सरकार आतंकियों की फंडिंग में शामिल है। वह बॉर्डर पार टेररिज्म को बढ़ावा दे रही है। भारत कई आतंकी कैंप भी चला रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि अगर भारत को पाकिस्तान की फायरिंग इतनी पसंद है, तो हम आपकी ये ख्वाहिश अपनी पसंद की जगह, समय और तरीके से पूरी करेंगे। इधर, जंग के हालात के बीच इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) ने पाकिस्तान को 2.3 अरब डॉलर (20 हजार करोड़ रुपए) के दो पैकेजों को मंजूरी दे दी है। इस लोन में से 1 अरब डॉलर (8500 करोड़ रुपए) एक्सटेंड फंड फैसेलिटी (EFA) के तहत तत्काल दिए जाएंगे, जबकि 1.3 अरब डॉलर (11 हजार करोड़ रुपए) का लोन अगले 28 महीने तक किस्तों में दिया जाएगा।
IMF में कोटे के आधार पर होती है वोटिंग
IMF में 191 देश सदस्य हैं। हर देश के पास एक वोट होता है, लेकिन वोट सिर्फ इससे तय नहीं होता है। IMF में कोटे के आधार पर वोटिंग अधिकार तय होता है। यानी जिसका जितना ज्यादा कोटा होगा, IMF के फैसलों में उसकी उतनी ज्यादा सुनी जाएगी।
किस देश का कोटा कितना होगा ये उस देश की आर्थिक ताकत (जैसे GDP), विदेशी मुद्रा भंडार, व्यापार और आर्थिक स्थिरता पर निर्भर करता है। जैसे अमेरिका का कोटा सबसे ज्यादा 16.5% है, इसलिए उसका वोट सबसे ज्यादा मायने रखता है। भारत की वोटिंग पावर 2.75% के करीब है। जबकि पाकिस्तान की वोटिंग पावर 0.43% के करीब है।
वोटिंग राइट्स दो आधार पर मिलते हैं
बेसिक वोट्स: हर देश को 250 बेसिक वोट्स मिलते हैं, जो सभी देशों के लिए समान हैं।
कोटा-आधारित वोट्स: कोटा के आधार पर एक्स्ट्रा वोट्स मिलते हैं। इसके लिए IMF की स्पेशल करेंसी SDR खरीदनी पड़ती है। 1 लाख SDR पर 1 वोट मिलता है।
बेसिक वोट्स और कोटा-आधारित वोट्स को मिलाकर ही कुल वोट्स मिलते हैं।
क्या है SDR?
SDR का पूरा नाम है Special Drawing Rights (विशेष आहरण अधिकार)। ये IMF का बनाया एक अंतरराष्ट्रीय रिजर्व एसेट है। इसे 'IMF की अंतरराष्ट्रीय नकदी' या 'ग्लोबल करेंसी यूनिट' कहा जा सकता है। इसे वित्तीय लेन-देन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि ये असली करेंसी नहीं है।
SDR की कीमत 5 बड़ी अंतरराष्ट्रीय करेंसी पर आधारित होती है:
- अमेरिकी डॉलर (USD)
- यूरो (EUR)
- चीनी युआन (CNY)
- जापानी येन (JPY)
- ब्रिटिश पाउंड (GBP)
IMF सभी सदस्य देशों को उनके कोटे (Quota) के हिसाब से SDR अलॉट करता है।
बिना अमेरिकी वोट के कोई फैसला नहीं लिया जाता
अमेरिका के पास सबसे ज्यादा 16.5% वोटिंग राइट्स हैं। कोई फैसला लेने के लिए 85% तक वोट की जरूरत होती है। ऐसे में अगर अमेरिका वोट न करे तो बहुमत न मिलने की स्थिति में कोई फैसला पारित नहीं किया जा सकता है।
IMF में भारत ने आज वोटिंग नहीं की
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 8 मई को कहा था कि वे पिछले तीन दशकों में IMF ने पाकिस्तान को कई बड़ी सहायता दी है। उससे चलाए गए कोई भी कार्यक्रम सफल नतीजे तक नहीं पहुंच पाए हैं।
आज वोटिंग से पहले भारत ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई। भारत ने कहा कि अगर ऐसे देश को बार-बार मदद दी जाती है जो सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देता है, तो इससे दुनिया को गलत संदेश जाता है।
इसके बाद भारत ने पाकिस्तान को IMF का फंड मिलने के मामले पर विरोध में वोटिंग नहीं की। बाकी देशों के वोट की मदद से पाकिस्तान को ये फंड अप्रूव हो गया।