साधु सिंह धर्मसोत को सुप्रीम राहत — मनी लॉन्ड्रिंग केस में मिली ज़मानत

पंजाब के कांग्रेस नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. बुधवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अदालत ने उन्हें जमानत दे दी है. जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा हिरासत में लिए जाने के एक साल से अधिक समय के बाद कांग्रेस नेता को राहत दी है. इसके बाद उन्हें आज (बुधवार) को नाभा स्थित जेल से रिहा किया जा सकता है.
धर्मसोत को साल 2022 में रिश्वत के एक मामले में पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने नामजद किया था. इसके बाद उन्हें 15 जनवरी 2024 को गिरफ्तार कर लिया गया था. मई 2024 में उन्हें पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी थी, ताकि वह लोकसभा चुनावों के लिए चुनाव प्रचार कर सकें. कोर्ट ने उन्हें कुछ शर्तों के साथ जमानत दी थी. जमानत के लिए उन्हें 50 हजार रुपए का बांड भरने के साथ ही बिना कोर्ट की अनुमति के उन्हें विदेश नहीं जाने को कहा था. इसके साथ ही केस के गवाहों से भी मिलने से मना किया गया था. हालांकि उनकी नियमित जमानत याचिका सितंबर 2024 में हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी.
कांग्रेस सरकार में मंत्री थे साधु सिंह धर्मसोत
पंजाब में कांग्रेस सरकार के दौरान साधु सिंह धर्मसोत 1 मार्च 2016 से 31 मार्च 2022 तक सरकार में वन मंत्री रहे थे. धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत ईडी की जांच के दौरान पाया गया कि पूर्व मंत्री धर्मसोत ने अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की है. इस मामले पर प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि पूर्व मंत्री और उनके बेटों की आय बताए गए स्रोतों से मेल नहीं खाती. इसी कारण उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई.
ईडी ने कांग्रेस नेता को किया था गिरफ्तार
पिछले साल 15 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पंजाब के पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को गिरफ्तार किया था. धर्मसोत को ईडी की जालंधर इकाई ने वन घोटाले और आय से अधिक संपत्ति मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था. जवाब से असंतुष्ट होकर ईडी ने उसे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद से ही वो जेल में बंद थे.