हर्षा रिछारिया वृंदावन से संभल के लिए पदयात्रा शुरू करेंगी। 175 किलोमीटर लंबी पद यात्रा का नाम सनातनी युवा पदयात्रा होगा। हर्षा रिछारिया का कहना है कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने और सनातनी युवाओं को जोड़ने के लिए पदयात्रा निकाल रही हूं। इस पदयात्रा का उद्देश्य उन युवक-युवतियों को सनातन धर्म के मार्ग पर वापस लाना है, जो किसी कारणवश अपने धार्मिक मूल से भटक गए हैं। यह यात्रा 14 अप्रैल को वृंदावन से शुरू होकर 20 अप्रैल को संभल पहुंचेगी। इस दौरान करीब 175 किलोमीटर का सफर तय किया जाएगा। यात्रा का समापन कार्यक्रम अगले दिन यानी 21 अप्रैल को होगा।

यह रहेगा पदयात्रा का रूट
हर्षा रिछारिया यह पदयात्रा सर्वांगीण समाज उत्थान समिति के तहत निकाल रही हैं। पदयात्रा मथुरा के वृंदावन से शुरू होकर राया, अलीगढ़, बुलंदशहर होते हुए संभल तक जाएगी।

हर्षा रिछारिया ने कहा कि मथुरा-वृंदावन भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण की लीला भूमि रही है। वहीं, हिंदू मान्यताओं के अनुसार, कलियुग में भगवान विष्णु का दसवां अवतार कल्कि, संभल में प्रकट होंगे। इसी वजह से उन्होंने अपनी पदयात्रा की शुरुआत वृंदावन से करने और इसका समापन संभल में करने का फैसला किया है।

जानें क्या है पदयात्रा का उद्देश्य
हर्षा रिछारिया ने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य अधिक से अधिक युवाओं को सनातन धर्म से जोड़ना है। उनके मुताबिक, यह कोई विवाद का विषय नहीं है, बल्कि जागरूकता फैलाने का एक प्रयास है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर इस यात्रा के जरिए लोग धर्म की ओर लौटते हैं, तो इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता।