भगोड़े ललित मोदी की वानुअतु की नागरिकता रद्द

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पीएम जोथम ने पासपोर्ट कैंसिल करने का आदेश दिया
पोर्ट विला। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के पूर्व चेयरमेन और भगोड़े ललित मोदी की वानुअतु की नागरिकता रद्द होगी। वानुअतु के प्रधानमंत्री जोथम नापाट ने नागरिकता आयोग को ललित मोदी को जारी किए गए पासपोर्ट को रद्द करने का आदेश दिया है। वानुअतु डेली पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक यह फैसला उन रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है, जिनमें ये दावा किया गया था कि ललिल मोदी भारत में प्रत्यर्पण से बचने की कोशिश कर रहा है। इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय मीडिया में कई रिपोर्ट छपी थीं। प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान में कहा गया कि इंटरपोल ने दो बार ललित मोदी के खिलाफ अलर्ट जारी करने के मना कर दिया था। इसके चलते उसका पासपोर्ट आवेदन को रिजेक्ट नहीं किया गया था। कार्यालय के मुताबिक उसकी बैकग्राउंड जांच के दौरान उसे किसी अपराध में दोषी नहीं पाया गया था। सपोर्ट प्रोग्राम ऐसे लोगों के बीच काफी मशहूर है। यहां सिर्फ 1.55 लाख डॉलर यानी करीब 1.3 करोड़ रुपए देकर नागरिकता खरीद सकते हैं।
भारत का पासपोर्ट सरेंडर करने के लिए आवेदन किया
वानुअतु की नागरिकता लेने के बाद ललित मोदी ने भारतीय पासपोर्ट को सरेंडर करने के लिए आवेदन किया था। विदेश मंत्रालय ने 7 मार्च को बताया था कि ललित ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में पासपोर्ट जमा किया था। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि “ललित मोदी ने वानुअतु की नागरिकता प्राप्त कर ली है। हम उनके खिलाफ मामला कानून के अनुसार आगे बढ़ाते रहेंगे।" 8 मार्च को X पोस्ट करते हुए ललित मोदी ने लिखा कि,
भारत की किसी भी अदालत में मेरे खिलाफ कोई मामला लंबित नहीं है। यह सिर्फ मीडिया की कल्पना है। पंद्रह साल हो गए, लेकिन वे अब भी कहते हैं कि वे मेरे पीछे पड़े हैं।
भारत से क्यों भागा ललित मोदी?
ललित मोदी 2005 से 2009 तक राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष था। 2008 में उसने IPL शुरू किया। BCCI ने उसे IPL का अध्यक्ष और कमिश्नर बनाया। 2010 में ललित पर IPL में करप्शन के आरोप लगे। ललित ने मॉरिशस की कंपनी वर्ल्ड स्पोर्ट्स को IPL का 425 करोड़ का ठेका दिया था। मोदी पर 125 करोड़ रुपए कमीशन के आरोप लगे। ये भी कहा गया कि उसने दो नई टीमों की नीलामी के दौरान गलत तरीके अपनाए। 2010 में BCCI ने IPL के तीसरे सीजन के फाइनल के तुरंत बाद ललित को सस्पेंड कर दिया। 2010 में ही अंडरवर्ल्ड से धमकियों का हवाला देते हुए ललित मोदी भारत से भाग कर लंदन चला गया। ED ने उसके खिलाफ 'ब्लू कॉर्नर' नोटिस जारी किया। उसका पासपोर्ट भी रद्द कर दिया गया। 2011 में BCCI ने अरुण जेटली की अध्यक्षता में एक जांच समिति बनाई। तब के कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और तब के BCCI अध्यक्ष एन श्रीनिवासन इसके सदस्य थे। 2012 में ललित मोदी ने कहा कि उसने 2009 के IPL में CSK में इंग्लैंड के ऑलराउंडर एंड्रयू फ्लिंटॉफ को लाने में श्रीनिवासन की मदद की। ललित लंदन में रह रहा था। उसके खिलाफ IPL में खिलाड़ियों की बोली में हेराफेरी, मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम यानी FEMA के उल्लंघन का मामला चल रहा है।
12 हजार करोड़ रुपए की कंपनी का मालिक है ललित मोदी
ललित मोदी, मोदी इंटरप्राइजेज का प्रेसिडेंट है। मोदी इंटरप्राइजेज की कुल नेटवर्थ 12 हजार करोड़ रुपए की है। कंपनी एग्रो, टोबैको, पान मसाला, माउथ फ्रेशनर, कन्फेक्शनरी, रिटेल, एजुकेशन, कॉस्मेटिक, एंटरटेनमेंट और रेस्तरां का बिजनेस करती है। भारत के अलावा मोदी इंटरप्राइजेज का कारोबार मिडिल ईस्ट, वेस्ट अफ्रीका, साउथ-ईस्ट अफ्रीका, साउथ-ईस्ट एशिया, ईस्ट यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अमेरिका और सेंट्रल अमेरिका तक फैला है। वहीं मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक ललित मोदी की कुल संपत्ति 4.5 हजार करोड़ रुपए की है। ललित मोदी के पास तीन फेरारी हैं जिनकी कीमत 15 करोड़ रुपए है।