•  बढ़ी मरीजों की परेशानी, ट्रेनी बांट रहे दवा

भोपाल। राजधानी भोपाल के जिला अस्पताल जेपी में फार्मासिस्टों की कमी से दवा के दो काउंटरों को बंद कर दिया गया है। मरीजों को लंबी लाइनों में लग कर दवा लेनी पड़ रही है। वहीं अस्पताल में ट्रेनी स्टूडेंट मरीजों को दवा बांटते नजर आते हैं। राजधानी का मॉडल कहे जाने वाले जयप्रकाश (जेपी) अस्पताल में लगातार अत्याधुनिक मशीनें लगाई जा रही हैं। हाल ही में सीटी स्कैन और एमआरआई मशीन लगाई गई। वहीं, दूसरी तरफ अस्पताल में आने मरीजों को दवा बांटने के लिए फार्मासिस्ट तक नहीं है। फार्मासिस्ट की कमी के चलते अस्पताल में दवा के दो काउंटरों को बंद करना पड़ गया है। जानकारी के लिए बता दें, जेपी अस्पताल में अभी तक मरीजों को दवा वितरण के लिए चार काउंटर बनाए गए थे, जिनमें से दो बंद कर दिए गए हैं, केवल दो काउंटर ही संचालित किए जा रहे हैं। उसमें भी ट्रेनी स्टूडेंट दवा वितरण करते नजर आते हैं। ऐसे में मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। उन्हें लंबी लाइनों में लग कर दवा लेनी पड़ रही है। 
दो हजार से ज्यादा ओपीडी, तीन घंटे इंतजार 
जेपी अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन 2000 से ज्यादा मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं। इस समय मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण मरीजों की संख्या और ज्यादा बढ़ गई है। ऐसे में दवा वितरण के दो काउंटर बंद होने से उन्हें तीन-तीन घंटे लंबी लाइनों में लगकर दवा का इंतजार करना पड़ रहा है। जो काउंटर खुले भी हैं उनमें ट्रेनी स्टूडेंट होने की वजह से दवा वितरण में और ज्यादा समय लग रहा है क्योंकि उन्हें दवाइयां ज्यादा समझ में नहीं आतीं। जो नियमित फार्मासिस्ट रहते हैं, उनसे बार-बार पूछ कर दवाएं देते हैं। इस वजह से और ज्यादा समय लग रहा है।
फार्मासिस्ट की आधे से ज्यादा पोस्ट खाली 
जानकारी के लिए बता दें कि जेपी अस्पताल में फार्मासिस्ट की भारी कमी है। अस्पताल में स्वीकृत फार्मासिस्टों की आधी के करीब सीटें खाली हैं। वहीं, जो परमानेंट फार्मासिस्ट हैं भी उनको स्टोर में बैठाया गया है। जो स्टोर में दवाइयां खरीदने और देने का काम करते हैं। अस्पताल के दवा कउंटर में ज्यादातर आउटसोर्स फार्मासिस्ट लगाए जाते हैं। इस समय ज्यादातर फार्मासिस्टों की ड्यूटी स्टोर में लगा दी गई है। इस वजह से दो काउंटरों को बंद करना पड़ गया है। इसे लेकर ड्यूटी पर काम करने वाले फार्मासिस्टों ने सिविल सर्जन को पत्र लिख पांच और फार्मासिस्टों की ड्यूटी लगाने का अनुरोध किया गया है। 
मरीज बोले दो घंटे से कर रहे इंतजार 
जेपी अस्पताल में रोहित नगर से पहुंचे आकाश ने बताया कि उन्हें दो-तीन दिन से फीवर आ रहा था। सुबह डॉक्टर को दिखाने आए थे सबसे पहले वहां 2 घंटे इंतजार करना पड़ा। इसके बाद दवा के लिए 2 घंटे से लाइन में लगे तब जाकर दवा मिल पाई है। इसी प्रकार भीम नगर से आई रीना पांडे ने बताया कि उनके 12 साल के बच्चे की तबीयत खराब हो गई थी, जिस वजह से वह उसे दिखाने अस्पताल में आई थी। छोटा बच्चा होने के कारण वे खुद लाइन में लगी थी। बच्चों को वहीं बैठा दिया था। उन्होंने बताया कि दो ढाई घंटे से लाइन में लगे।