• कहा-सीएम बनते ही रेवेन्यू पीएस ने आरटीओ चेकपोस्ट गड़बड़ी के बारे में बताया था

भोपाल। परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा से मिली करोड़ों रुपए की नगदी, सोना, चांदी के मामले में तीन बड़ी एजेंसियां जांच कर रहीं हैं। इस मामले में अब पूर्व सीएम उमा भारती ने भी बड़ा बयान दिया है। उमा भारती ने अपने आवास पर केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना शुरू होने और धार्मिक नगरों में शराबबंदी के फैसले पर मुख्यमंत्री मोहन यादव का आभार जताने के लिए गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उमा ने कहा, मोहन यादव ने 17 शहरों में शराबबंदी का निर्णय किया है। मोहन जी, शिवराज जी और वीडी शर्मा ये तीनों निजी जीवन में बहुत साफ सुथरा जीवन जीने वाले व्यक्ति हैं। उसी का यह परिणाम है। ये उनकी पॉलिसी में भी दिखता है। इसके लिए मोहन जी का अभिनंदन होना चाहिए। मेरी इच्छा तो ये है कि पूर्ण शराबबंदी होना चाहिए।
इस दौरान उमा भारती से पूछा गया कि परिवहन चेकपोस्ट में जो घोटाला सामने आया उसके लिए आप किसे जिम्मेदार मानती हैं। इसके जवाब में उमा भारती ने कहा-
2003 में मुख्यमंत्री बनने के बाद मेरे सामने ये बात आ गई थी। उस समय मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी जी से बात की। मैंने पूछा कि भाई इसको कैसे करना है। मैं चाहती हूं कि हम यहां से पूरा रेवेन्यु वसूल कर सकें। हमारी उस समय की जो प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने ही मुझे ये सुझाव दिया था कि शराब का रेवेन्यु अगर 1500 करोड़ है तो हम 3 हजार करोड़ की व्यवस्था कर लें। तो उन्होंने मुझसे कहा कि शराब नीति में परिवर्तन करके लॉटरी व्यवस्था कर दीजिए। तेंदूपत्ता नीति का सुझाव दिया और सबसे पहला सुझाव चेकपोस्ट का दिया। तभी उन्होंने मुझसे कहा कि इसमें बहुत बड़ी गड़बड़ है। हम शॉर्ट नोटिस टेंडर प्रक्रिया में आ ही रहे थे। कि जो लोग गुजरात में ये काम कर रहे हैं जो एक्सपर्टाइज लिए हुए हैं उन्हीं की टीम से सलाह लेकर हम ये काम कर लेंगे। मैं इतने में चली गई। उसके बाद चूहे का बिल गहराता गया। और आज गहराइयों में से सौरभ शर्मा अकेला केंचुआ निकला अभी अजगर तो निकला ही नहीं हैं।