किन्नर हिमांगी को महामंडलेश्वर की उपाधि दिए जाने पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद नाराज

प्रयागराज। किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर हिमांगी सखी को महामंडलेश्वर की उपाधि देने पर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि भाजपा अध्यक्ष, आरएसएस प्रमुख और राष्ट्रपति का पद भी खाली होने वाला है, ऐसे में क्या किन्नरों को वहां भी बैठाया जा सकता है। किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर हिमांगी सखी को महामंडलेश्वर की उपाधि देने पर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि भाजपा अध्यक्ष, आरएसएस प्रमुख और राष्ट्रपति का पद भी खाली होने वाला है, ऐसे में क्या किन्नरों को वहां भी बैठाया जा सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को महाकुंभ का निमंत्रण देने पर कहा कि निमंत्रण मिलने से स्नान का पुण्य नहीं मिल जाता। योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के मद्देनजर बहुत काम कराए हैं। हो सकता है वह लोगों को निमंत्रण देकर अपने उन कार्यों को दिखाना चाहते हों। उन्होंने बताया कि हमारे यहां शंकराचार्य दंडी स्वामी को बनाने की परंपरा रही है। कोई पुरुष या महिला ही शंकराचार्य बन सकता है। इससे इतर जेंडर को शंकराचार्य नहीं बनाया जा सकता है। महाकुंभ का आमंत्रण देने के सवाल पर शंकराचार्य ने कहा कि गंगा स्नान का आमंत्रण देने की परंपरा कभी नहीं रही है। लोग स्वयं आकर स्नान करते हैं और मां गंगा की पूजा करते हैं। अगर कोई बुलाने पर गंगा स्नान करने आता है तो उसका कोई महत्व नहीं है। कोई फल भी नहीं मिलता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां पर बहुत सी सड़कें, घाट और पुल बनवाए हैं। वह चाहते हैं कि लोग आकर यहां की व्यवस्था को देखें।इसलिए निमंत्रण देना कोई खराब बात नहीं है। महाकुंभ सनातनियों का सबसे बड़ा समागम है। यहां से सनातन धर्म का सबसे बड़ा संदेश जाना चाहिए। वह संदेश है गोरक्षा का। हिंदुओं की पहचान गोत्र होती है। समाज में हिंदू जहां भी रहता है वह गाय की पूजा करता है। देश में हिंदू बहुसंख्यक हैं, लेकिन गाय काटी जा रही है।