• हमारी गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को अपना रहे हैं विकसित देश
  • हमें 21वीं सदी की जरूरतों के मुताबिक तैयार करना है विद्यार्थी
  • प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में मॉडल स्टेट बनाने के लिए शिक्षकों की अहम भूमिका
  • मजबूत इरादों से शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार लाकर हम प्रदेश को बनाएंगे मॉडल एजुकेशन स्टेट
  • मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन से वर्चुअली जुड़कर शिक्षकों के अंतर्राष्ट्रीय भ्रमण दल को दीं शुभकामनाएं
  • स्कूल शिक्षा मंत्री श्री सिंह ने विदेश यात्रा दल को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जाने वाला गुरु ही होता है। गुरु अपने विद्यार्थी में निहित अनंत संभावनाओं को पहचान कर इसका चारित्रिक एवं शैक्षणिक विकास करते हैं। हमारी पुरातन गुरुकुल परम्परा आज भी प्रासंगिक है। आज कई विकसित देश हमारी पुरानी गुरुकुल परम्परा को अपनाकर अपने बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। हमें भी पुन: उसी गुरुकुल परम्परा से जुड़ना होगा, तभी हमारा देश फिर से विश्व गुरु बन सकेगा। हम प्रदेश में क्लास के अंदर और क्लास के बाहर भी विद्यार्थियों को जीवन एवं नैतिक मूल्य तथा व्यावहारिक शिक्षा देकर उनके समग्र विकास की ओर बढ़ रहे हैं। मजबूत इरादों और शैक्षणिक गुणवत्ता में आमूल-चूल सुधार लाकर हम प्रदेश को शिक्षा के मामले में देश का एक मॉडल एजुकेशन स्टेट बनायेंगे। इसमें शिक्षकों की बड़ी अहम भूमिका है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को कलेक्टर कार्यालय, उज्जैन के एनआईसी से वर्चुअली जुड़कर स्टार्स प्रोजेक्ट के तहत अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक भ्रमण के लिए सिंगापुर जाने वाले चयनित शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षक हमारे लिए सदैव पूजनीय हैं, हम विकसित भारत और विकसित मध्यप्रदेश के निर्माण में उनकी अनंत क्षमताओं और सुदीर्घ अनुभवों का प्रदेश के शैक्षणिक विकास एवं विस्तार में अधिकतम सदुपयोग करेंगे।