25 लाख पौधों के लिए जमीन की तलाश शुरू

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बारिश से पहले बड़ी चुनौती
इंदौर। इंदौर वन विभाग को जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत 25 लाख पौधे लगाने का निर्देश मिला है। मंत्री तुलसी सिलावट के आदेश के बाद महू, मानपुर, चोरल और इंदौर रेंज में जमीन तलाशने का कार्य जारी है। वन विभाग पिछले कई दिनों से लगभग 25 लाख पौधे लगाने के लिए उपयुक्त जमीन की तलाश कर रहा है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, जल संसाधन मंत्री द्वारा जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत इंदौर वन विभाग को 25 लाख पेड़-पौधे लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इस अभियान के तहत बड़े स्तर पर पौधारोपण की योजना बनाई गई है, जिसके लिए उपयुक्त स्थानों की पहचान की जा रही है।Trending VideosPause
महू, मानपुर, चोरल और इंदौर रेंज में चिन्हित हो रहीं जगहें
मंत्री तुलसी सिलावट के निर्देश के बाद वन विभाग ने महू, मानपुर, चोरल सहित इंदौर फॉरेस्ट रेंज में पौधे लगाने के लिए स्थानों को चिह्नित करना शुरू कर दिया है। डीएफओ प्रदीप मिश्रा के अनुसार, कई स्थानों की पहचान कर ली गई है, जहां पर बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया जाएगा। हालांकि वन विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि 25 लाख नए पौधे लगाने के लिए जमीन तलाशना आसान नहीं है, क्योंकि पिछले वर्ष ही मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के आदेश पर 51 लाख पौधारोपण अभियान चलाया गया था, जिसमें विभाग ने लगभग 25 लाख पौधे पहले ही लगा दिए थे।
हर साल 5 लाख पौधारोपण की परंपरा, इस बार चुनौती बड़ी
इसके अलावा, वन विभाग हर साल वर्षा ऋतु से पहले लगभग 5 लाख पौधे स्वयं भी लगाता है। इस वर्ष भी बारिश से पहले गड्ढे खोदने की तैयारियाँ जोरों पर हैं। ऐसे में इस बार पौधों की संख्या और जिम्मेदारी दोनों ही अधिक हैं। जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत अब पूरा वन अमला इंदौर की चारों फॉरेस्ट रेंजों में पौधारोपण के लिए जगह तलाशने में व्यस्त है। यह अभियान विभाग के लिए एक बड़ी प्रशासनिक और ज़मीनी चुनौती बन चुका है।
30 लाख पौधे लगाने की बड़ी जिम्मेदारी, हरियाली बढ़ाने की पहल
पिछले वर्ष के अभियान के बाद इस साल भी इंदौर वन विभाग के सामने करीब 30 लाख पेड़-पौधे लगाने और उनका संरक्षण सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है। अब देखने वाली बात यह होगी कि विभाग कितने समय में 25 लाख पौधों के लिए ज़मीन का बंदोबस्त कर पाता है। उल्लेखनीय है कि शहर में हरियाली को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ आम नागरिकों की भागीदारी भी होती है। जल गंगा संवर्धन अभियान भी इसी कड़ी में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जिसके तहत लाखों पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया गया है।