• 40 संपत्तियों की खरीद-फरोख्त की

भोपाल। सौरभ शर्मा से हुई प्रारंभिक पूछताछ के बाद उत्तर प्रदेश के राजघाट में एक फिशरीज प्रोजेक्ट का पता चला है। उसने यहां एक डेम पर करीब 10 करोड़ रुपये में तीन साल के लिए ठेका लिया है, जहां से मछली का उत्पादन और विक्रय किया जाता है। परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के साथ ही उसके सहयोगी शरद जायसवाल और चेतन सिंह गौर से लोकायुक्त पुलिस की टीमें लगातार पूछताछ कर रही हैं। गुरुवार को तीनों का मेडिकल कराने के बाद सौरभ और शरद को अरेरा कॉलोनी स्थित उनके आवास और जयपुरिया स्कूल ले जाया गया, जहां से कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए हैं। अब तक की पूछताछ में पता चला है कि सौरभ और शरद जायसवाल करीब पांच कंपनियों में पार्टनर हैं। दोनों ने एकसाथ करीब 40 से ज्यादा संपत्तियों की खरीद-फरोख्त की है। सौरभ शर्मा से हुई प्रारंभिक पूछताछ के बाद उत्तर प्रदेश के राजघाट में एक फिशरीज प्रोजेक्ट का पता चला है। उसने यहां एक डेम पर करीब 10 करोड़ रुपये में तीन साल के लिए ठेका लिया है, जहां से मछली का उत्पादन और विक्रय किया जाता है। इसके साथ ही अविरल नामक एक पेट्रोल पंप का भी पता चला है। ये दोनों प्रॉपर्टी में चेतन सिंह गौर की भागीदारी बताई गई है। चेतन का कहना था कि उसकी हैसियत इतनी बड़ी नहीं है, लेकिन कागज में जो होगा, वह ठीक ही होगा। 
नाते-रिश्तेदारों से होगी पूछताछ 
सौरभ ने लोकायुक्त पुलिस को बताया कि अधिकांश प्रापर्टी में उसने लोन लिया हुआ है। इसके साथ ही नाते-रिश्तेदारों से अपनी कंपनियों में निवेश करवाया है। लोकायुक्त पुलिस ऐसे सभी लोगों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए तलब करेगी। रिश्तेदार अपनी प्रापर्टी की सही हिसाब-किताब नहीं बता पाए तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। 
दुबई में संपत्ति होने से किया इनकार
लोकायुक्त पुलिस की पूछताछ में मुख्य किरदार सौरभ शर्मा का कहना था कि वह केवल एक बार ही दुबई गया है। पिछले दिनों पत्नी के साथ पंद्रह दिनों के टूर पर दुबई गया था, लेकिन छापे की सूचना मिलने पर सात दिनों में ही वापस लौट आया था। हालांकि वापस लौटने के बाद वह कहां-कहां रहा और किन लोगों ने उसकी मदद की, इसको लेकर उसने कोई खुलासा नहीं किया है। उसका कहना था कि दुबई में उसकी कोई संपत्ति नहीं है। पुलिस ने उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया है। शरद और चेतन ने बताया कर्मचारी सौरभ शर्मा के सहयोगी शरद जायसवाल और चेतन सिंह ने उसका कर्मचारी बताया है। हालांकि, लोकायुक्त पुलिस उनकी बातों पर विश्वास नहीं कर रही है। शरद को दोनों से अलग कर पूछताछ की जा रही है।