• वित्तीय वर्ष 2025 में जीडीपी का एक फीसदी रह सकता है

नई दिल्ली। अक्तूबर-नवंबर 2024 में इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग सामान निर्यात में क्रमश: 50 प्रतिशत और 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई। रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि सोने के आयात को प्रबंधित करने के सरकारी प्रयासों के बावजूद, कमजोर वैश्विक विकास परिदृश्य के कारण व्यापार घाटा के मोर्चे पर दबाव में रहने की संभावना है। आईसीआईसीआई बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का चालू खाता घाटा सकल घरेलू उत्पाद ( जीडीपी ) का 1.1 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। रिपोर्ट में हाल के महीनों में देश की बाहरी स्थिति में महत्वपूर्ण बदलावों पर प्रकाश डाला गया है। रिपोर्ट के अनुसार व्यापार घाटे और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश के कारण ये बदलाव आए हैं। रिपोर्ट में कहा गया हमें वित्त वर्ष 25 में चालू खाते घाटे के जीडीपी के 1.1 प्रतिशत पर रहने की उम्मीद है।  नवंबर 2024 में, भारत का व्यापार घाटा 37.8 बिलियन अमरीकी डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया, जिसका मुख्य कारण कुल 14.9 बिलियन अमरीकी डॉलर का सोना आयात था। इसके अतिरिक्त, गैर-तेल और गैर-सोने के उत्पादों का आयात बढ़ रहा है। अक्तूबर-नवंबर 2024 के दौरान साल-दर-साल यह 3.5 प्रतिशत बढ़ा है।  इसी अवधि के दौरान तेल निर्यात में 36 प्रतिशत की गिरावट आई है, वहीं गैर-तेल निर्यात में सकारात्मक रुझान दिखा है। 
अक्तूबर-नवंबर 2024 में इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग सामान निर्यात में क्रमश: 50 प्रतिशत और 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई। रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि सोने के आयात को प्रबंधित करने के सरकारी प्रयासों के बावजूद, कमजोर वैश्विक विकास परिदृश्य के कारण व्यापार घाटा के मोर्चे पर दबाव में रहने की संभावना है। इसका श्रेय दुनिया भर में ब्याज दरों में वृद्धि को दिया जाता है, जिसमें अमेरिकी फेडरल रिजर्व दरों के लिए उच्च प्रक्षेपवक्र का संकेत देता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भले ही सरकार सोने के आयात को समेटने पर काम कर रही हो, लेकिन वैश्विक विकास परिदृश्य कम होने के कारण व्यापार घाटे का परिदृश्य खराब है।