शराब दुकानें बंद होने के बावजूद बढ़ेगी कमाई
- लाइसेंस फीस 20 प्रतिशत बढ़ाई, नई श्रेणी के बार खुलेंगे
भोपाल। मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव की कैबिनेट ने 2025-26 की नई आबकारी नीति को मंजूदी दे दी। सरकार ने प्रदेश में धीरे—धीरे शराबबंदी की तरफ कदम बढ़ाए हैं। इसके पहले चरण में 17 धार्मिक नगरों में पूर्ण शराबबंदी लागू की गई है। इसके साथ ही, शराब व्यवसाय में पारदर्शिता लाने और अवैध शराब पर रोक लगाने के लिए कई अहम निर्णय लिए गए हैं। मध्य प्रदेश सरकार की शुक्रवार को महेश्वर में हुई कैबिनेट बैठक में ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। कैबिनेट ने 17 धार्मिक नगरों में शराबबंदी लागू करने का निर्णय लिया। इसके तहत एक अप्रैल 2025 से अब प्रदेश के 17 धार्मिक नगरों में शराब नहीं बिकेगी और दुकानें और बार बंद हो जाएंगे। कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए सीएम डॉ. मोहन यादव ने बताया कि जो दुकानें बंद की जाएंगी, उन दुकानों को कहीं और शिफ्ट नहीं किया जाएगा। ये पूर्णत: बंद होंगी। इसके साथ ही सरकार ने नए वित्त वर्ष 2025-26 में शराब दुकानों की लाइसेंस फीस 20 फीसदी बढ़ाने का फैसला किया है। इससे धार्मिक शहरों में 50 दुकानें बंद होने के बावजूद सरकार की कमाई घटेगी नहीं बल्कि और बढ़ जाएगी। प्रदेश में कुल शराब दुकानें 3601 हैं। इनमें से 17 धार्मिक शहरों में करीब 50 दुकानें नए वित्त वर्ष में बंद होंगी। इनका सरकार की कमाई पर कोई असर नहीं होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कैबिनेट की बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य शराबबंदी की दिशा में अपने कदम आगे बढ़ा रहा है। समय के साथ मध्य प्रदेश में भी पूर्ण शराबबंदी होगी, पर इसमें वक्त लगेगा। सीएम ने कहा कि राज्य धीरे-धीरे शराबबंदी की तरफ बढ़े, इस क्रम में नीतिगत निर्णय हुआ है। इस वजह से पहले चरण में 17 धार्मिक नगरों को चुना गया है। इनमें नगर पालिका, नगर परिषद और नगर पंचायत क्षेत्र शामिल हैं। इन दुकानों को दूसरी जगह शिफ्ट भी नहीं किया जाएगा। यह निर्णय हमेशा के लिए किया गया है।
दुकानें बंद होने के बावजूद राजस्व बढ़ेगा
सरकार ने 2024-25 में शराब दुकानों से करीब 14000 करोड़ रुपये की आय का लक्ष्य रखा है। अगले वित्त वर्ष में लाइसेंस शुल्क में 20 फीसदी बढ़ोतरी से यह आय बढ़कर 16800 करोड़ होने का अनुमान है। इस तरह नए वित्त वर्ष में सरकार की शराब से कमाई 2800 करोड़ रुपये बढ़ सकती है। इसमें से यदि बंद होने वाली दुकानों की कमाई 450 करोड़ रुपये कम कर दी जाए तो भी सरकार को 2350 करोड की कमाई ज्यादा होने का अनुमान है।
20 प्रतिशत अधिक दर पर रिन्यू होगी दुकानें
नई आबकारी नीति में शराब दुकानों का निष्पादन रिन्यूअल, ई-लॉटरी और फिर टेंडर प्रक्रिया से किया जाएगा। वर्तमान वर्ष के दुकानों के मूल्य में 20 प्रतिशत की वृद्धि कर वर्ष 2025-26 के लिए दुकानों का मूल्य निर्धारित किया जाएगा। जिलों में 80 प्रतिशत दुकानों के रिन्यूअल के आवेदन मिलने पर ही रिन्यूअल की अनुमति दी जाएगी। 80 प्रतिशत से कम रिन्यूअल के आवेदन मिलने पर दुकानों का टेंडर से निष्पादन किया जाएगा। पिछले वर्ष सरकार ने रिन्यूअल के लिए दुकानों के मूल्य में 15 प्रतिशत की वृद्धि की थी।
प्रतिभूति राशि केवल ई-चालान से मान्य
सरकार ने प्रतिभूति राशि में पारदर्शिता रखने और जालसाजी रोकने के लिए केवल ई-चालान और ई-बैंक गारंटी को मान्य किया गया है। साधारण बैंक गारंटी और एफडीआर मान्य नहीं होगी। दरअसल इंदौर में सरकारी गोदाम से शराब लेने के लिए फर्जी चालान का मामला सामने आया था। इसमें 42 करोड़ का घोटाला ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ था। अब इस तरह की गड़बड़ी रोकने के लिए ई-चालान को ही मान्य किया गया है।
युवाओं को हतोत्साहित करने नए बार की श्रेणी
सरकार युवाओं में बढ़ रही मदिरा सेवन की प्रवृत्ति को हतोत्साहित करने के लिए बारों की एक नई श्रेणी प्रारंभ करेगी। जहां केवल बीयर, वाइन और आरटीडी (तुरंत पीने योग्य पेय) का विक्रय किया जाएगा। इन बारों में कम एल्कोहल वाली शराब उपलब्ध होगी। अभी बारों में सभी प्रकार की शराब उपलब्ध रहती है।
देशी मदिरा में कम तेजी की नई श्रेणी शुरू की जाएगी
जन सुरक्षा की दृष्टि से अवैध मदिरा को नियंत्रित करने के लिए देशी मदिरा में कम तेजी की (60 डिग्री यूपी) की नई श्रेणी शुरू होगी। देशी शराब 80 एमएल और 90 एमएल की धारिता में उपलब्ध होगी। 80 एमएल के लिए टेट्रा पैक भी शुरू किया जाएगा।
दुकानों पर पीओएस मशीनों से होगी बिक्री
नई शराब नीति में दुकानों पर पीओएस मशीन स्थापित कराई जाएगी। इन मशीनों के माध्यम से ही शराब की सेल और बिलिंग का रिकॉर्ड रखा जाएगा। दुकानों पर ट्रैक एंड ट्रैस सिस्टम को लागू किया जाएगा। इसका उद्देश्य अवैध और नकली शराब को बिकने से रोकना है। इससे सरकार स्टॉक और सेल का रिकॉर्ड की मॉनीटरिंग करेगी।
स्मार्ट वेयरहाउस बनेंगे, डिजिटल होगा रिकॉर्ड
विदेशी शराब के वेयरहाउस की व्यवस्था को ऑटोमेशन के तहत स्मार्ट वेयरहाउस में बदला जाएगा। शराब के गोदाम में आने और दुकानों तक जाने का पूरा रिकॉर्ड डिजिटल माध्यम से रिकॉर्ड में रहेगा। इसके अलावा विदिशा मदिरा की ड़यूटी दरें ईडीपी आधारित एड वेलोरम के अनुसार निर्धारित होंगी।
उज्जैन में पूर्णत: शराबबंदी
महाकाल ज्योतिर्लिंग होने के कारण उज्जैन को शराब से मुक्त किया जा रहा है। यहां की सभी दुकानें बंद की जाएंगी। यानी कि उज्जैन नगर निगम का दायरा शराब से मुक्त रहेगा। इसे मिलाकर प्रदेश 17 अलग-अलग नगर पालिकाएं, नगर पंचायतें भी पूरी तरह से शराब मुक्त की गईं हैं।
दतिया-पन्ना-अमरकंटक में पूरी तरह बैन
मप्र के अन्य बड़े शहर जहां पर धार्मिक कारणों से शराबबंदी लागू की गई है, उनमें दतिया एक मुख्य जगह है। सीएम मोहन यादव ने कहा है कि पीतांबरा पीठ होने की वजह से यहां शराबबंदी की गई है। वहीं अमरकंटक नर्मदा का उद्गम स्थल है। इस वजह से यहां शराब प्रतिबंधित रहेगी। मंदसौर में पशुपतिनाथ का मंदिर है। यहां के लोग लंबे समय से शराब बंदी की मांग भी कर रहे थे। मैहर में माता शारदा विराजित हैं। इसके अलावा पन्ना में भी शराब पर रोक लगाई गई है।