• श्रीराम के वनवास धाम में अब राज्य प्रशासनिक सेवा के दो अफसरों का होगा दखल

भोपाल। भगवान राम की तपस्थली चित्रकूट को अब तहसील और राजस्व अनुविभाग का दर्जा दिया जाएगा। यहां तहसीलदार और एसडीएम की नियुक्ति होगी, जिससे प्रशासनिक कामकाज सुगमता से होगा और विकास कार्यों को गति मिलेगी। सरकार चित्रकूट को अयोध्या की तरह विकसित करने पर ध्यान दे रही है। इसी उद्देश्य से आठ महीने पहले चित्रकूट विकास प्राधिकरण का गठन किया गया था। जल्द ही यहां एक अपर कलेक्टर स्तर के अधिकारी को सीईओ पद पर नियुक्त किया जाएगा। मोहन यादव कैबिनेट ने 14 मार्च 2024 को इस प्राधिकरण के गठन को मंजूरी दी थी और जून 2024 से इसके कार्यों में तेजी लाने का फैसला हुआ। फिलहाल, सतना के अपर कलेक्टर को सीईओ का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, लेकिन जल्द ही यहां स्थायी अधिकारी की नियुक्ति होगी।
ऐसा होगा प्रस्तावित राजस्व अनुविभाग चित्रकूट का सीमा क्षेत्र
राजस्व विभाग द्वारा चित्रकूट राजस्व अनुविभाग का जो खाका खींचकर दावे आपत्ति मांगे गए हैं, उसके अनुसार वर्तमान तहसील मझगवां के राजस्व निरीक्षक मंडल एक चित्रकूट के 9 पटवारी हल्के, बरौंधा राजस्व निरीक्षक मंडल के 25 पटवारी हल्के समेत कुल 34 पटवारी हल्के शामिल किए जाएंगे। इसके बाद मझगवां राजस्व अनुविभाग में मझगवां तहसील के 21 पटवारी हल्के और बिरसिंहपुर तहसील के 48 पटवारी हल्के समेत कुल 69 पटवारी हल्के शामिल होंगे।
मझगवां तहसील में इसके बाद उत्तर दिशा में उत्तर प्रदेश और प्रस्तावित चित्रकूट तहसील, दक्षिण में रघु राजनगर, कोटर और रामपुर बघेलान तहसील, पूर्व में उत्तर प्रदेश और रीवा जिले की सेमरिया तहसील तथा पश्चिम में पन्ना जिले की पन्ना और सतना की नागौद तहसील होंगी। नए प्रस्तावित राजस्व अनुविभाग चित्रकूट के उत्तर दिशा में यूपी, दक्षिण में तहसील मझगवां, पन्ना, पूर्व में यूपी और तहसील मझगवां तथा पश्चिम दिशा में यूपी और पन्ना जिले की अजय गढ़ तहसील होगी। इसके लिए राजस्व विभाग ने एक माह में दावे आपत्ति बुलाए हैं।