• शिक्षा-कृषि समेत 15 विभाग के कामों की समीक्षा होगी

  • प्रतिनिधियों को एंट्री नहीं

भोपाल।  भोपाल में तीन महीने से ज्यादा समय से नहीं हुई जिला पंचायत की मीटिंग 21 मार्च को होगी। वैसे यह मीटिंग हर दो महीने में कराई जानी चाहिए। मीटिंग में स्वास्थ्य, शिक्षा, पीएचई, कृषि, पीडब्ल्यूडी, आदिम जाति, वन, महिला व बाल विकास समेत 15 विभाग के कामों की समीक्षा होगी। इससे पहले सामान्य प्रशासन समिति की मीटिंग भी होगी, जिसमें प्रतिनिधियों को एंट्री नहीं मिलेगी।

इसलिए जरूरी है मीटिंग जानकारी के अनुसार, मीटिंग ही एक ऐसा प्लेटफार्म होता है, जब सभी विभागों के अफसरों से जिपं अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य रूबरू होते हैं।

गांव से जुड़े मुद्दे रहेंगे बैठक में गांव से जुड़े मुद्दे उठाए जाएंगे। खासकर स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना, जर्जर सड़कें, बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाएं, मनरेगा, मध्याह्न भोजन आदि शामिल हैं।

दो महीने में होनी चाहिए मीटिंग नियमानुसार मीटिंग हर दो महीने में होनी चाहिए। हालांकि, तत्कालीन सीईओ ऋतुराज सिंह के तबादले और भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की वजह से बैठक देरी हुई। पिछली मीटिंग 9 नवंबर 2024 को हुई थी। जिसमें सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर सदस्यों ने कई सवाल उठाए थे।

पिछली बैठकों में उपाध्यक्ष और सदस्यों की अधिकारियों पर भड़ास भी निकली थी। इसके बाद कामों में थोड़ी तेजी आई।

इधर, निगम की बैठक नहीं होने से कांग्रेस पार्षद नाराज दूसरी ओर, नगर निगम की बैठक नहीं होने से कांग्रेस पार्षद नाराज है। इसे लेकर उन्होंने भोपाल कमिश्नर संजीव सिंह को पत्र भी लिखा है। जिसमें कहा गया है कि पिछली बैठक 13 दिसंबर 2024 को हुई थी, जिसे तीन महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है, जबकि हर दो महीने में बैठक होना चाहिए। अब तक एजेंडा भी जारी नहीं किया गया है, जो नगर पालिक निगम विधि संहिता धारा 18 और 23क का उल्लंघन है।