जैन मंदिर में आचार्य विशुद्ध सागर के शिष्यों का आगमन
- चार मुनिराजों का स्वागत, तीन दिवसीय भक्तामर महामंडल विधान
भोपाल। मंगलवारा दिगंबर जैन मंदिर में आज एक भव्य समारोह का आयोजन हुआ, जहां राष्ट्र संत आचार्य विशुद्ध सागर जी के प्रमुख शिष्य 108 श्री आदित्य सागर जी सहित चार महाराज का बैंड-बाजों के साथ आगमन हुआ। प्रवक्ता अंशुल जैन के अनुसार, मुनि संघ के सानिध्य में 26 से 28 तक भक्तामर महामंडल विधान का आयोजन किया जाएगा। शाम को आयोजित शोभायात्रा में शहर के विभिन्न महिला मंडल, भक्त मंडल, बहू मंडल और जैन समाज के सभी सामाजिक समूहों ने पारंपरिक वेशभूषा में भाग लिया। शहर का सबसे बड़ा दिव्य घोष दल धार्मिक धुनों के साथ आगे चल रहा था, जिसका सभी श्रद्धालुओं ने आनंद लिया।
विशेष रूप से, बालिका मंडल द्वारा हरिद्वार से मंगाई गई झांझरों की मधुर ध्वनि ने सभी का मन मोह लिया।
मंदिर के अध्यक्ष ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि जयपुर से लाई गई मूर्ति का सिहोर में पंच कल्याणक के बाद मंदिर में वेदी प्रतिष्ठा की जाएगी। साथ ही, जयपुर से विशेष रूप से मंगाए गए संगमरमर के कमलों पर भगवान की प्रतिमाओं को विराजमान किया जाएगा। इस अवसर पर विश्व शांति महायज्ञ का भी आयोजन किया जाएगा, जिससे धार्मिक वातावरण और भी पवित्र हो जाएगा।