• गेट के बाहर ही खड़े रहे मासूम

दमोह। बीआरसी और शिक्षा अधिकारियों ने परीक्षा ड्यूटी को इसका कारण बताया है, लेकिन स्थिति लगातार बिगड़ रही है। जिला शिक्षा अधिकारी ने चेतावनी दी है कि ड्यूटी के बावजूद अनुपस्थित शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी। दमोह जिले के सभी शासकीय स्कूल खुले तीन दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब भी कई स्कूलों में शिक्षकों का पहुंचना शुरू नहीं हुआ है। शिक्षकों की गैरमौजूदगी में बच्चे भी मनमाने तरीके से आ-जा रहे हैं। ऐसे में पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कई स्कूलों में अब तक विषयवार पढ़ाई भी शुरू नहीं हो सकी है। शासकीय स्कूलों में इन दिनों शैक्षणिक गतिविधियां पूरी तरह से प्रभावित हो रही हैं। एक ओर शिक्षक स्कूलों में अनुपस्थित हैं, तो दूसरी ओर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में देरी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
गुरुवार को इसी तरह का एक नजारा देखने मिला। जब शहर के जटाशंकर में संचालित शासकीय प्राथमिक स्कूल में ताला पड़ा मिला। यहां बच्चे समय पर स्कूल पहुंच गए थे। जो स्कूल के बाहर ही खड़े होकर शिक्षकों का इंतजार कर रहे थे। दोपहर 12 बजे तक यहां शिक्षक नहीं पहुंचे। इस संबंध में जब बीआरसी से बात की तो उनका कहना था कि दो शिक्षकों की ड्यूटी परीक्षा में लगी हुई है, जबकि एक को अति आवश्यक कार्य के चलते जाना पड़ा था। ऐसे में स्कूल देरी से खुल सका था। आगे से ऐसी समस्या न हो इसके लिए ड्यूटी बदली जा रही हैं। इसके अलावा आसपास के स्कूलों में भी पूरे शिक्षक नहीं मिले। कुछ स्कूलों में बताया गया कि वहां सिर्फ एक ही शिक्षक पदस्थ हैं, शेष अतिथि शिक्षक है, जिनकी अभी नियुक्ति नहीं हुई हैं, ऐसे में एक शिक्षक के भरोसे ही पूरा स्कूल चल रहा हैं।जिले के कई स्कूलों में नियमित शिक्षक समय पर उपस्थित नहीं हो रहे हैं। जिसका कारण इस समय अलग-अलग परीक्षाएं व ड्यूटी भी होना बताई जा रही है। इस समय माध्यमिक शिक्षा मंडल की हाईस्कूल व हायर सेकेंडरी की द्वितीय अवसर परीक्षा चल रही है। जिसमें भी अनेक शिक्षकों की परीक्षा ड्यूटी लगाई गई है, जिससे शेष स्कूलों में स्टाफ की भारी कमी हो गई है। इससे नियमित कक्षाएं संचालित नहीं हो पा रहीं। जिला शिक्षा अधिकारी एसके नेमा ने बताया स्कूलों में सभी शिक्षकों की ड्यूटी एक जून से ही लगा दी गई थी। इसके बाद भी शिक्षक स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं तो कार्रवाई की जाएगी। अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति शासन स्तर पर होना है।