नेताओं के परिवार की दबंगई से पार्टी संगठन परेशान

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विधायक के बेटे रुद्राक्ष से लेकर आकाश विजयवर्गीय तक
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नेताओं के परिजनों की हरकतों से पार्टियों को झेलना पड़ा नुकसान
इंदौर। देवास माता मंदिर में इंदौर 3 के विधायक गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष का ताजा विवाद बीजेपी संगठन के हस्तक्षेप के बाद खत्म हो गया है। हालांकि नेताओं के बेटों या परिजन के कारण नेता या पार्टी संगठन के मुश्किल में आने का यह पहला मामला नहीं है। भाजपा और कांग्रेस नेताओं के बेटों-परिजनों की सार्वजनिक दबंगई के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। इनकी हरकतों से दोनों ही पार्टियों की छवि को काफी नुकसान भी झेलना पड़ा है। अकेले इंदौर में ही कई ऐसे मामले हुए, जिनमें प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय संगठन तक को हस्तक्षेप करना पड़ा। इस लिस्ट में कैलाश विजयवर्गीय के बेटे पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय के बल्ला कांड से लेकर राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त प्रताप करोसिया के भतीजे तक कई नाम शामिल हैं।
ताजा मामला गोलू शुक्ला के बेटे का बीते शुक्रवार आधी रात को रुद्राक्ष शुक्ला करीब एक दर्जन वाहनों के काफिले में देवास स्थित माता टेकरी पहुंचा था। आरोप है कि मंदिर बंद होने के बावजूद इन लोगों ने पुजारी से जबरन पट खोलने की मांग की। इसे लेकर पुजारी से विवाद हुआ। शनिवार को पुजारी ने पुलिस से शिकायत की। इसमें रुद्राक्ष का नाम लेते हुए मारपीट और धमकाने की बात कही गई। पुलिस ने पुजारी की शिकायत पर जीतू रघुवंशी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। हालांकि इसके बाद पुजारी ने अपना बयान बदलते हुए विधायक पुत्र को क्लीन चिट दे दी। लेकिन इसके बाद भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने सख्ती दिखाई।