अंबेडकर जयंती पर भारत मंडपम बना सामाजिक समरसता का प्रतीक, NCSC ने दिखाई डिजिटल पहल
14 अप्रैल को देश भर में अंबेडकर जयंती का पर्व काफी धूमधाम से मनाया गया। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने इस खास मौके पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य विषय 'भातीय संविधान की 75 वर्षों की यात्रा' चुना गया था। कई बड़ी हस्तियों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इसके साथ ही यह पहली बार था जब आयोग ने इतने बड़े पैमाने पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम के दौरान आयोग की नई वेबसाइट का भी अनावरण किया गया है।
कार्यक्रम में कौन-कौन हुआ शामिल?
भारत मंडपम में आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय सामाजिक न्याय एंव आधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार थे। इसके अलावा संसदीय कार्य एंव विधि एंव न्याय राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शिरकत की। इसके अलावा NCSC के अध्यक्ष किशोर मकवाना, आयोग के सदस्य श्री लव कुश कुमार और श्री वड्डापल्ली रामचंदर भी कार्यक्रम में शामिल थे।
डॉ. वीरेंद्र कुमार ने क्या कहा?
बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती पर बात करते हुए डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि बाबासाहेब ने अपने जीवन में अपार कष्ट झेला और समाजिक अपमान का सामना किया। इन चीजों ने न्याय, सम्मान और समानता के लिए लड़ने के उनके संकल्प को और भी ज्यादा मजबूत किया है। साथ ही उन्होंने समुदाय के कल्याण के लिए बाबासाहेब अंबेडकर की भूमिका की सराहना की।
अर्जुन राम मेघवाल का भाषण
बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के बारे में बात करते हुए श्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि बाबासाहेब ने अनुसूचित जातियों के कानूनी सशक्तिकरण और प्रतिनिधित्व पर जोर दिया। देश के युवाओं को उनसे सीख लेना चाहिए। समानता डॉ. अंबेडकर के दृष्टिकोण की आधारशिला थी और सच्चे राष्ट्र का निर्माण तभी संभव है, जब सभी नागरिकों को समान अधिकार, अवसर और सम्मान मिले।
नई वेबसाइट का उद्घाटन
इस कार्यक्रम के दौरान NCSC की नई वेबसाइट का भी उद्घाटन किया गया। इसके अलावा भारत के संविधान की वास्तविक कॉपी, बाबासाहेब अंबेडकर पर लिखी गई प्रमुख किताबों का डिजिटल प्रदर्शन भी किया गया।