राजस्थान के पूर्व मंत्री खाचरियावास के घर ED की रेड

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19 ठिकानों पर पहुंची टीम
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PACL के 48 हजार करोड़ घोटाले का मामला
जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे प्रताप सिंह खाचरियावास के 19 ठिकानों पर आज प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम छापा मार रही है। जयपुर में एक और प्रदेश के अन्य 18 ठिकानों पर सुबह करीब 5 बजे टीमें पहुंच गई थीं। यह मामला रियल एस्टेट में निवेश का काम करने वाली PACL में हुए 48 हजार करोड़ के घोटाले से जुड़ा है। ईडी से मिली जानकारी के अनुसार, प्रताप सिंह और उनके परिवार के लोगों के नाम पर PACL में घोटाले का पैसा ट्रांसफर हुआ था। अधिकांश पैसा प्रॉपर्टी और अन्य सेक्टर में लगा दिया गया।उधर, पूर्व मंत्री के घर छापेमारी की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में जयपुर के सिविल लाइंस स्थित आवास पर समर्थक पहुंच गए। समर्थकों ने इस कार्रवाई का विरोध किया। मौके पर भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की जा रही है।
लाखों लोगों के साथ हुई थी PACL में धोखाधड़ी
- लाखों लोगों के साथ PACL में धोखाधड़ी हुई थी। इसके बाद यह केस सुप्रीम कोर्ट में चला गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2016 को सेवानिवृत्त सीजेआई आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था। कोर्ट ने कमेटी से कहा था कि पीएसीएल की संपत्तियों को नीलाम करके 6 महीने में लोगों को ब्याज सहित भुगतान करें।
- सेबी के आकलन के अनुसार, पीएसीएल की 1.86 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति है, जो निवेशकों की जमा राशि की तुलना में 4 गुना है। पीएसीएल कंपनी की योजनाओं को अवैध मानते हुए सेबी ने 22 अगस्त 2014 को कंपनी के कारोबार बंद कर दिए थे। इसके चलते निवेशकों की पूंजी कंपनी के पास जमा रह गई। इसके बाद कंपनी व सेबी के बीच सुप्रीम कोर्ट में केस चला और सेबी जीत गई।
राजस्थान में 28 लाख लोगों ने 2850 करोड़ किए थे निवेश 17 वर्ष तक राज्य में रियल एस्टेट में निवेश का काम करने वाली पीएसीएल में प्रदेश के 28 लाख लोगों ने करीब 2850 करोड़ और देश के 5.85 करोड़ लोगों ने कुल 49100 करोड़ का निवेश किया था। कंपनी पर बिहार, महाराष्ट्र, एमपी, असम, कर्नाटक, जयपुर ग्रामीण, उदयपुर, आंध्र प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ समेत आधे से ज्यादा राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं। सबसे पहले जयपुर में इसका खुलासा होने पर एफआईआर दर्ज हुई थी। जानकार सूत्रों की मानें तो इस केस में प्रताप सिंह की भागीदारी करीब 30 करोड़ की बताई जा रही है। ईडी की छापेमारी पूरी होने के बाद ही रिकवरी को लेकर कुछ कहा जा सकता है।