आजीविका मिशन में फर्जी भर्ती मामले में सुषमा रानी शुक्ला की संविदा सेवा समाप्त करने की मांग

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पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा
भोपाल। मध्यप्रदेश आजीविका मिशन के राज्य कार्यालय में कार्यरत राज्य परियोजना प्रबंधक सुषमा रानी शुक्ला की संविदा सेवा को तत्काल समाप्त करने की मांग उठी है। पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने इस संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है। मध्यप्रदेश आजीविका मिशन के राज्य कार्यालय में संविदा पर कार्यरत राज्य परियोजना प्रबंधक सुषमा रानी शुक्ला की संविदा सेवा तत्काल समाप्त करने की मांग की गई है। पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने पंखयत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में लिखा कि आर्थिक अपराध EOW द्वारा दर्ज एफआईआर और तीन आईएएस अधिकारियों की जांच में दोषी पाए जाने के बावजूद अब तक सुषमा रानी शुक्ला की सेवा समाप्त न किए जाने को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। सुषमा रानी शुक्ला की फर्जी भर्ती के मामले में वर्ष 2022 में आईएएस अधिकारी नेहा मारव्या द्वारा जांच की गई थी, जिसमें वह दोषी पाई गई थीं। इसके बाद तत्कालीन अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव द्वारा विकास आयुक्त कार्यालय से कराई गई जांच में भी उन पर दोष सिद्ध हुआ। हाल ही में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने भी इस मामले की जांच कर उनके खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की है।
संविदा नियमों के अनुसार कार्रवाई की मांग
मध्यप्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 5 जून 2018 के तहत भ्रष्टाचार एवं अनियमितता में दोषी संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने का प्रावधान है। राज्य में 100 से अधिक संविदा अधिकारियों और कर्मचारियों को इस नियम के तहत सेवा से हटाया भी जा चुका है। बावजूद इसके, तीन आईएएस अधिकारियों की जांच और EOW की एफआईआर के बावजूद सुषमा रानी शुक्ला की सेवा जारी रहने को लेकर विभाग की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।
विभाग पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप
इस मामले में दीपक जोशी ने कहा कि शासन के स्पष्ट निर्देशों के बाद भी दोषी कर्मचारी पर कार्रवाई नहीं की जा रही है, तो यह भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को बढ़ावा देने जैसा होगा। अतः पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से सुषमा रानी शुक्ला की संविदा सेवा तत्काल समाप्त करने की मांग की गई है।