सात साल में 12 बार बदली थी सौरभ की पोस्टिंग

18 अफसर-कर्मचारियों के साथ किया काम
2 से 6 माह की अधिकांश पोस्टिंग
भोपाल । आरटीओ के पूर्व आरक्षक करोड़पति सौरभ शर्मा ने अपने वीआरएस लेने के पहले 12 अलग-अलग दफ्तरों और चेक पाइंट पर 18 अफसरों और कर्मचारियों के साथ काम किया है। इसमें परिवहन आयुक्त से लेकर प्रधान आरक्षक कैडर तक के कर्मचारी शामिल हैं। सौरभ दो बार ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के दफ्तर में पदस्थ रहा। पहली बार डॉ. शैलेंद्र श्रीवास्तव परिवहन आयुक्त थे। दूसरी बार पदस्थापना तत्कालीन अपर परिवहन आयुक्त अरविंद सक्सेना के दफ्तर में रही है।
विधानसभा में उठा मामला
लोकायुक्त छापे में करोड़ों रुपए की काली कमाई और राजधानी के मेंडोरी में इनोवा कार में मिले 52 किलो सोना व 11 करोड़ रुपए कैश के कारण चर्चा में आए आरटीओ के पूर्व आरक्षक को लेकर विधानसभा में सोमवार को भी सवाल हुए। विधानसभा में इस मामले को लेकर किए गए सवाल के लिखित जवाब में परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा
पूर्व में प्रदेश की अंतरराज्यीय सीमाओं पर स्थायी रूप से स्थापित परिवहन जांच चौकियों पर पदस्थ अमले द्वारा निरंतर वाहनों की चेकिंग उसी जगह पर रहकर की जाती थी, जिसमें हर वाहन को चेक पोस्ट पर रुककर अपने वाहन तथा दस्तावेजों की जांच कराना पड़ती थी।
इसमें काफी समय लगता था। वर्तमान में संचालित किए जा रहे चेकिंग पॉइंट का कोई स्थायी स्थान निर्धारित न होने से चेक पॉइंट पर पदस्थ अमले द्वारा अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत राष्ट्रीय, राजकीय मार्गों पर विभिन्न स्थानों पर आवश्यकता अनुसार चेकिंग पॉइंट लगाकर वाहनों की चेकिंग की जाती है। परिवहन विभाग के सक्षम अधिकारियों द्वारा नियमों के विरुद्ध अवैध वसूली के संबंध में प्राप्त होने वाली शिकायतों की नियमानुसार जांच की जाकर कार्यवाही की जाती है। ऐसे प्रकरणों की निरंतर मॉनिटरिंग की जाती है।