• नकल रोकने पुख्ता इंतजाम

  • 1 लाख 80 हजार छात्र होंगे शामिल

भोपाल। बीयू में प्रायोगिक परीक्षाएं 13 मार्च से शुरू कर हो चुकी है। स्नातक प्रथम और तृतीय वर्ष की सैद्धांतिक परीक्षाएं 1 अप्रैल से शुरू होंगी। इन परीक्षाओं में 1 लाख 80 हजार छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। एग्जाम को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। राजधानी भोपाल स्थित बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) में प्रायोगिक परीक्षाएं 13 मार्च से शुरू कर हो चुकी है। स्नातक प्रथम और तृतीय वर्ष की सैद्धांतिक परीक्षाएं 1 अप्रैल से शुरू होंगी। इन परीक्षाओं में 1 लाख 80 हजार छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। एग्जाम को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। परीक्षाओं में नकल करने वालों छात्रों पर सख्त निगाहें रहेंगे। विश्वविद्यालय ने इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं। विश्वविद्यालय के अधिकारियों का कहना है कि यदि कोई विद्यार्थी नकल करते पकड़ा गया तो उसकी पूरी परीक्षा रद्द की जा सकती है। 

पीजी की मई में होंगी परीक्षाएं
प्रथम वर्ष के बीए, बीएससी, बीकॉम, बीएससी (होम साइंस), बीए मैनेजमेंट, बीबीए, बीसीए, बीपीईएस और तीसरे वर्ष की सैद्धांतिक परीक्षाएं एक अप्रैल से शुरू होंगी। वहीं पीजी की सेमेस्टर परीक्षाएं मई में होंगी। इसकी भी तैयारी विश्वविद्यालय ने अभी से शुरू कर दी है।

परीक्षा केंद्र पर हर परीक्षार्थी की होगी तलाशी
बीयू ने सभी कॉलेजों के प्राचार्य व केंद्राध्यक्षों को निर्देशित किया है कि परीक्षा केंद्र पर हर परीक्षार्थी की तलाशी ली जाए। प्रतिबंधित सामग्री जैसे पुस्तकें, गाइड, मोबाइल, हस्तलिखित सामग्री, स्मार्ट वॉच, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण आदि को बाहर ही जमा कराया जाए। अगर परीक्षा शुरू होने के बाद कोई विद्यार्थी आधे घंटे बाद परीक्षा कक्ष से बाहर जाता है, तो उसे दूसरी उत्तरपुस्तिका दी जाएगी। विवि ने परीक्षा के संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं नकल करते पकड़ा गया या किसी के पास कोई उपकरण पाए गए तो उत्तरपुस्तिका जब्त कर विश्वविद्यालय को भेजी जाएगी और परीक्षा निरस्त होगी। 

उड़न दस्ते किया जा रहे तैयार 
विश्वविद्यालय से मिली जानकारी के अनुसार परीक्षा केंद्रों में नकल रोकने के लिए उड़नदस्ते तैनात किए जा रहे हैं। इसके अलावा विवि में कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। इसके जरिए परीक्षार्थियों की निगरानी की जाएगी। साथ ही अधिक निगरानी के लिए इस बार केंद्रों की संख्या कम की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि इससे सख्ती से निगरानी की जा सके। वहीं जिन केंद्रों पर सिर्फ 50 या 60 विद्यार्थी शामिल होते थे, उन केंद्रों को बंद किया जाएगा।