स्वास्थ्य विभाग में सार्थक ऐप पर अटेंडेंस नहीं होने पर रुकी सैलरी

- कर्मचारी 10 मार्च से करेंगे आंदोलन
भोपाल। वास्थ्य विभाग में काम करने वाले अधिकारी कर्मचारियों को सार्थक ऐप पर अटेंडेंस लगाने की अनिवार्यता कर दी गई है। इसी आधार पर उन्हें सैलरी दी जा रही है। कई कर्मचारियों की सैलरी रुक गई है। अब कर्मचारी 10 मार्च से आंदोलन करेंगे। मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाले अधिकारी कर्मचारियों को सार्थक ऐप पर अटेंडेंस लगाने की अनिवार्यता कर दी गई है। इसी आधार पर उन्हें सैलरी दी जा रही है। लेकिन विभाग के कर्मचारियों का तर्क है कि उनको सार्थक एप में अटेंडेंस लगाने में कई प्रकार की परेशानी आ रही है। जिसका निवारण किए बगैर फरवरी माह की सैलरी रोक दी गई है। परेशान कर्मचारी अब 10 मार्च से प्रदेश व्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है। समस्त स्वास्थ्य अधिकारी कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह कौरव ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ,प्रमुख सचिव, आयुक्त ,मध्यप्रदेश शासन स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को ज्ञापन देकर मांग की है कि सार्थक ऐप पर अटेंडेंस की अनिवार्यता समाप्त की जाए।
इस तरह की आ रही परेशानी
उन्होंने बताया कि प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत सार्थक ऐप से उपस्थिति अनिवार्य की गई है, जिसमें प्रदेश के अधिकारी, कर्मचारियों को अनेकों परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जैसे एंड्राइड मोबाइल का कई कर्मचारियों के पास ना होना, नेटवर्क की समस्या,एरर आना,अधिकतम कर्मचारियों के पास कीपैड मोबाइल का होना, 50 प्रतिशत कर्मचारियों का ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं देना आदि समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जिसके कारण माह फरवरी का मासिक वेतन रोक दिया गया है। उन सभी अधिकारी कर्मचारियों का वेतन शीघ्र ही भुगतान कराया जाए ताकि परिवार का पालन पोषण एक अल्प वेतन भोगी कर सके तथा जब तक समाधान ना हो तब तक किसी भी अधिकारी कर्मचारी का सार्थक ऐप के कारण वेतन न रोका जाए।
कर्मचारियों को भी मिले मोबाइल भत्ता
सुरेंद्र सिंह कौरव ने कहा है कि जिस प्रकार उच्च अधिकारियों को मोबाइल भत्ता सीयूजी सिम इंटरनेट सहित आदि की सुविधा दी जा रही है उसी प्रकार प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मचारियों को भी मोबाइल,मोबाइल भत्ता सीयूजी सिम इंटरनेट आदि की सुविधा प्रदान की जाए। सार्थक ऐप के संबंध में पुनर्विचार कर एक सप्ताह के अंदर उचित निर्णय प्रदेश के अधिकारी कर्मचारियों के हितों में लिया जाए ताकि मानसिक एवं आर्थिक तनाव में ना रहते हुए भय मुक्त होकर अपना कार्य मानव सेवा सभी सुचारू रूप से कर सकें। अन्यथा प्रदेश के समस्त अधिकारी कर्मचारी 10 मार्च से प्रदेश व्यापी 1 घंटे अपने-अपने मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसके पश्चात भी समय सीमा में उचित निर्णय नहीं लिया गया तो मजबूरन सभी को आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। जिसकी समस्त जिम्मेदारी विभाग शासन की होगी।